देहरादून-मसूरी रोपवे के लिए केंद्र ने दी आईटीबीपी की जमीन उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित करने की मंजूरी..
उत्तराखंड: केंद्र सरकार ने देहरादून-मसूरी एरियल पैसेंजर रोपवे के लिए आईटीबीपी की जमीन उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित करने की मंजूदी दे दी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आज बुधवार को कैबिनेट बैठक में देहरादून-मसूरी के बीच 5580 मीटर लंबे रोपवे सिस्टम के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की मसूरी में 1500 वर्ग मीटर भूमि को बाजार दरों पर सरकार को हस्तांतरित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से उत्तराखंड में पर्यटन को ओर बढ़ावा मिलेगा और विकास कार्यों को भी मजबूती मिलेगी।
Union Cabinet chaired by PM, has approved the transfer of 1500 square metres of land belonging to ITBP at Mussoorie to the Uttarakhand Government for their infrastructure project, 'Aerial Passenger Ropeway System' between Dehradun and Mussoorie: Ministry of Home Affairs (MHA)
— ANI (@ANI) May 12, 2021
20 मिनट में पहुंचेंगे मसूरी..
भारत सरकार की इस परियोजना को पीपीपी मोड के तहत विकसित किया जाएगा। इसके लोअर टर्मिनल की ऊंचाई 958.20 मीटर होगी और अपर टर्मिनल स्टेशन की ऊंचाई 1996 मीटर होगी। 258 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस रोपवे की यात्री वहन क्षमता एक तरफ से 1000 यात्री प्रति घंटा है। इस रोपवे के बनने के बाद राज्य के पर्यटन पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जो कि पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक बड़ा केंद्र होगा। यह विश्व के पांचवे सबसे लंबे मोनो-केबल डिटैचेबल पैसेंजर रोपवे में से एक होगा। इसके बनने के बाद देहरादून से मसूरी की यात्रा का समय घटकर 20 मिनट हो जाएगा।
साथ ही यह रोपवे हर मौसम के अनुकूल होगा और यह देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करेगा। इस परियोजना के माध्यम से 350 प्रत्यक्ष रोजगार और 1500 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इन सबके अलावा इस परियोजना की मदद से उत्तराखंड में बढ़ते प्रदूषण को भी रोक सकेंगे।