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स्वाति मालीवाल ने एमसीडी स्कूलों का किया निरीक्षण..

स्वाति मालीवाल ने एमसीडी स्कूलों का किया निरीक्षण..

स्वाति मालीवाल ने एमसीडी स्कूलों का किया निरीक्षण..

विद्यालयों में सीरिंज, शराब की टूटी बोतलें और ड्रग्स मिलीं..

आयुक्त से मांगा जवाब..

 

देश – विदेश : आयोग ने यह भी देखा कि स्कूलों में एक भी चालू सीसीटीवी कैमरा नहीं था। स्कूलों के साथ-साथ शौचालय भी बेहद गंदे थे। कई जगहों पर फर्श पर गंदगी मिली और शौचालयों में साबुन नहीं था। कई शौचालय के गेट टूटे हुए थे या उन्हें अंदर से बंद नहीं किया जा सकता था

दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने एमसीडी के स्कूलों में निरीक्षण के दौरान बच्चियों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं मिलने पर कड़ा रूख अख्तियार किया। उन्होंने एमसीडी के आयुक्त को नोटिस जारी करके रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा एक स्कूल में इस्तेमाल की गई सीरिंज, ड्रग्स, शराब व सिगरेट मिलने के मामले में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। पूर्वी दिल्ली स्थित भजनपुरा नगर निगम के एक स्कूल में बच्चियों के साथ अश्लील हरकत होने के मद्देनजर उन्होंने गत दो दिनों के दौरान चार स्कूलों का निरीक्षण किया।

स्वाति मालीवाल ने अपनी सहयोगी प्रोमिला गुप्ता, सारिका चौधरी, फिरदोस खान और वंदना सिंह के साथ 20 व 21 मई को भाई मंदीप नागपाल निगम विद्यालय, अरुणा नगर (उत्तर), निगम प्रतिभा सह शिक्षा विद्यालय, केवल पार्क (उत्तर), प्रतिभा विद्यालय, मुस्तफाबाद (पूर्वी), प्राथमिक सह बाल बालिका विद्यालय, संजय कॉलोनी, भाटी माइंस (दक्षिण) का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बच्चों, शिक्षकों और स्कूल के अन्य कर्मचारियों के साथ बातचीत की।

आयोग की टीम को स्कूलों की स्थिति दयनीय, असुरक्षित और चिंताजनक मिली। स्कूलों के गेट खुले हुए थे और सुरक्षा गार्ड नहीं थे। अरुणा नगर के स्कूल के बारे में मालूम हुआ कि कुछ लोग कई बार स्कूल परिसर में घुस जाते हैं और अधिकारियों को धमकाते है। केवल पार्क के स्कूल में इस्तेमाल की गई सीरिंज, ड्रग्स, सिगरेट के डिब्बे, गुटखा के रैपर और यहां तक कि टूटी हुई शराब की बोतलें मिली। आयोग की टीम ने इस मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की।

आयोग के अनुसार अधिकांश स्कूल भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त और बच्चों के लिए असुरक्षित मिले। केवल पार्क में बिना प्लास्टर वाली इमारत है, जिसमें लगभग 800 छात्रों को पढ़ाया जा रहा है, जबकि यहां वर्ष 2018 में नगर निगम ने एक बोर्ड लगाया गया था, जिसमें लिखा था कि भवन के छज्जे छतिग्रस्त है, कृपा दूरी बनाए रखें। इसके बावजूद यहां बच्चों को गंभीर जोखिम में डालकर पढ़ाया जा रहा है। अरुणा नगर के स्कूल में छत और दीवारों के हिस्से कई बार गिर चुके हैं और बच्चे व स्टाफ कई बार बाल-बाल बचे है। भाटी माइंस में भीषण गर्मी में बच्चे टिन शेड में बैठने को विवश हैं।

आयोग ने यह भी देखा कि स्कूलों में एक भी चालू सीसीटीवी कैमरा नहीं था। स्कूलों के साथ-साथ शौचालय भी बेहद गंदे थे। कई जगहों पर फर्श पर गंदगी मिली और शौचालयों में साबुन नहीं था। कई शौचालय के गेट टूटे हुए थे या उन्हें अंदर से बंद नहीं किया जा सकता था। भाटी माइंस के स्कूल में लड़कियों के शौचालयों पर ताला लगा हुआ था और उनमें पानी का कनेक्शन नहीं था। इस कारण लड़के-लड़कियां खुले में शौच के लिए मजबूर हैं।

भाटी माइंस के स्कूल में सुबह 9 बजे (स्कूल शुरू होने के एक घंटे बाद भी) लड़कियों की नौ में से तीन कक्षाओं में शिक्षक नहीं पहुंचे थे। तब तक स्कूल इंचार्ज भी स्कूल में मौजूद नहीं थे। छात्रों ने बताया कि शिक्षक आमतौर पर सुबह नौ बजे के बाद स्कूल आते हैं। वहीं स्कूल में कुछ छात्र डेस्क की कमी के कारण चटाई पर बैठने को मजबूर हैं। स्कूलों में उचित पेयजल की अनुपलब्धता भी नदारद मिली।

 

 

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