हरेला पर्व पर आज लगेंगे लाखों पौधे, हरेला हमारी सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक..
उत्तराखंड: पिछले साल की तरह इस बार भी हरेला पर्व को यादगार बनाया जा रहा है। देहरादून जिला प्रशासन की ओर से हरेला पर्व पर इस बार चार लाख से अधिक पौधे लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से दो लाख 15 हजार पौधे सिर्फ वन विभाग की ओर से लगाए जायेंगे। जबकि, नगर निगम प्रशासन की ओर से दस हजार व मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की ओर से 15 हजार पौधे लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। नगर पंचायतों, जिला पंचायत, ग्राम पंचायतोें के जरिए भी पौधरोपण किया जा रहा है।
आपको बता दें कि पिछले साल हरेला पर्व के दिन एक घंटे में तीन लाख 71 हजार पौधे लगाकर रिकॉर्ड बनाया गया था। इस बार इस रिकॉर्ड को तोड़ने की तैयारी है। हरेला अभियान के दौरान रातरानी, बेला, चंपा, चमेली जैसे सुगंधित फूलों के साथ ही आम, अमरूद, जामुन, कटहल, आंवला, नीबू, लीची जैसे फलदार पौधे लगाए जाएंगे। शीशम, हरड़, बहेड़ा, बेलपत्र, संदन, महल, तेजपात, अमलतास, कनजी, कंजू, कचनार, बांस, टिकोमा, पिलन, अर्जुन, मौरेंग, जामुन, आदि प्रजातियों के पौधे भी रोपे जाएंगे।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की शुभकामनाएं देते हुए अपने संदेश में कहा कि हरेला पर्व हमारी परंपराओं व संस्कृति से जुड़ा पर्यावरण संरक्षण का महोत्सव है। देवभूमि उत्तराखंड में प्रकृति प्रेम एवं पर्यावरण संरक्षण की प्राचीन परंपरा रही है। हमें अपनी पर्यावरण हितैषी परंपराओं को आगे बढ़ाना चाहिए।
आप सभी प्रदेशवासियों को uknewsnetwork की तरफ से हरेला पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। ‘हरेला’ पर्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक है। यह त्योहार संपन्नता, हरियाली और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। हमें अपनी परंपराओं एवं परिवेश को बढ़ावा देना होगा। प्रकृति को महत्व देने की हमारी परंपरा रही है। हरेला सुख-समृद्धि व जागरूकता का भी प्रतीक है। आने वाली पीढ़ी को शुद्ध हवा व वातावरण मिल सके इसके लिए सबको वृक्षारोपण व पर्यावरण संरक्षण की ओर ध्यान देना होगा। यह पर्व ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ने का संदेश भी देता है।