सड़कों पर फूटा तल्लानागपुर क्षेत्र के ग्रामीणों का आक्रोश..
पूर्व विधायक शैलारानी रावत ने भी दिया आंदोलन को समर्थन..
25 अगस्त से चोपता में क्रमिक अनशन के साथ ही किया जायेगा चक्काजाम..
रुद्रप्रयाग: सरकारों की उपेक्षा से आहत तल्लानागपुर क्षेत्र के लोगों का आक्रोश सड़कों पर फूटा। हजारों की संख्या में आये ग्रामीणों ने चोपता बाजार में जोरदार प्रदर्शन किया और सत्ताधारी भाजपा व विपक्षी कांग्रेस के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की। आक्रोशित जनता ने सभाकर साफ ऐलान किया कि अब क्षेत्र की उपेक्षा को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत तल्लानागपुर विकास संघर्ष समिति के आहवान पर तल्लानागपुर क्षेत्र के करीब चार दर्जन से अधिक गांवों के लोग चोपता मुख्य बाजार में एकत्र हुए और सभा करते हुए प्रदेश सरकार के विरूद्ध जमकर बोले।
आक्रोशित जनता ने मुख्य विपक्षी कांग्रेस पर भी खूब प्रहार किये। वक्ताओं ने क्षेत्र की उपेक्षा के लिए सत्ताधारी भाजपा व विपक्षी कांग्रेस को बराबर का भागीदार बताया। आक्रोशित जनता का कहना था कि पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा तल्लानागपुर क्षेत्र में एएनएम ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना, तहसील खोलने, क्षेत्रान्तर्गत महाविद्यालय की स्थापना, तल्लानागपुर पेयजल योजना फेज टू के निर्माण एवं पृथक तल्लानागपुर विकासखण्ड की घोषणा की गई थी, मगर इन पर कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं की गई। कोरी घोषणाओं से आहत होकर जनता का आक्रोश सड़कों पर फूट पड़ा। हजारों की संख्या में आये युवा, वृद्ध एवं महिलाओं ने सड़कों पर ढोल नगाड़ों के साथ जोरदार प्रदर्शन कर अपनी उपेक्षा का प्रतिकार किया। इस दौरान सर्व सम्मति से प्रस्ताव भी पारित किये गये।
जिसमें कहा गया कि पूर्व विधायक शैलारानी रावत के नेतृत्व में क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए तल्लानागपुर संघर्ष समिति के पदेन सदस्यों के साथ क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का शिष्टमंडल विधानसभा सत्र के दौरान देहरादून में मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा। इस अवसर पर कहा गया कि विकास की चिंगारी बुझने नहीं दिया जायेगा और क्षेत्र के समस्याआंे के समाधान को लेकर द्वितीय चरण में 25 अगस्त से चोपता में क्रमिक अनशन धरना व चक्काजाम किया जायेगा।
इसके बाद भी सरकार नहीं चेती तो एक सितम्बर से तृतीय चरण में चोपता में क्षेत्रीय जनता द्वारा आमरण अनशन कार्यक्रम शुरू किया जायेगा, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मदारी शासन-प्रशासन की होगी। एकमत से कहा गया कि इस जनांदोलन को राजनीति से दूर रखा जायेगा। राजनैतिक पार्टियों की ओर से आंदोलन में व्यवधान उत्पन्न किया गया तो क्षेत्रीय जनता राजनैतिक पार्टियों का विरोध करेगी और आगामी चुनाव का बहिष्कार करने को मजबूर होगी। इस दौरान पूर्व विधायक शैलारानी रावत आंदोलन को समर्थन देने पहुंची, जिस पर कुछ जनप्रतिनिधियों ने नाराजगी व्यक्त की।
इस मौके पर पूर्व विधायक शैलारानी रावत, जिला पंचायत सदस्य सुनीता बत्र्वाल, गोकुल लाल टम्टा, प्रेम सिंह गुसाई, सूरजपाल सिंह, पूरण सिंह खत्री, लक्ष्मण बत्र्वाल, जीत सिंह मेवाल, प्रधान मयकोटी अमित प्रदाली, मगन सिंह नेगी, लक्ष्मी नेगी, देवेन्द्र बत्र्वाल, रणजीत करासी, बसंती देवी, सत्ये सिंह गुसाई, कुंवर सिंह, राज्य आंदोलनकारी पूरण सिंह नेगी, चन्द्रमोहन रावत, दिनेश बुटोला, संपंन नेगी, मनमोहन मेवाड़, अंजना देवी, योगम्बर कुनियाल, जगमोहन राणा, अर्जुन नेगी, आरती देवी, श्रीमती रोशनी देवी, सहित हजारों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।