बिग ब्रेकिंग- यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर धामी सरकार का बड़ा फैसला..
पांच सदस्यों की ड्राफ्टिंग कमेटी की गठित..
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर धामी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर ड्राफ्ट कमेटी गठित कर दी है। इसके लिए बकायदा आदेश जारी कर दिया है। जारी हुए आदेश के अनुसार 5 सदस्यीय कमेटी गठित की गई है.
उत्तराखंड: प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर धामी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर ड्राफ्ट कमेटी गठित कर दी है। इसके लिए बकायदा आदेश जारी कर दिया है। जारी हुए आदेश के अनुसार 5 सदस्यीय कमेटी गठित की गई है. कमेटी राज्य के सभी लोगों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले सभी प्रासंगिक कानूनों की जांच करने और मसौदा कानून या मौजूदा कानून में संशोधन की रिपोर्ट तैयार करेगी।
आपको बता दे कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव दृष्टिपत्र जारी होने के बाद राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा की थी। उन्होंने भाजपा के सत्ता में वापसी करने के बाद सबसे पहले समान नागरिक संहिता के मामले में निर्णय लेने का एलान भी किया था। सत्ता में आने के बाद पहली ही कैबिनेट में धामी सरकार ने समान नागरिक संहिता के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का फैसला किया। बता दे कि समान नागरिक संहिता के परीक्षण और उसे लागू करने के लिए गठित समिति में न्यायाधीश (सेनि.) रंजना प्रकाश देसाई को अध्यक्ष बनाया गया है। रंजना देसाई उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रही हैं और जम्मू और कश्मीर के लिए गठित परिसीमन आयोग की अध्यक्ष भी रही हैं। समिति में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश प्रमोद कोहली, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह और दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल को सदस्य बनाया गया है।
विशेषज्ञ समिति उत्तराखंड राज्य में रहने वाले सभी लोगों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले सभी प्रासंगिक कानूनों का अध्ययन व जांच करेगी। उनमें जरूरी संशोधन पर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। चुनाव के समय संकल्प पत्र में किए वादे के अनुरूप समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया गया है। देवभूमि की संस्कृति को संरक्षित करते हुए सभी धार्मिक समुदायों को एकरूपता प्रदान करने के लिए उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश (सेनि.) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेष समिति बनाई गई है।