उत्तराखंड में दस मुख्यमंत्री बदल गए, लेकिन आज भी पीने के पानी का है इंतज़ार..
उत्तराखंड: देवभूमि में पीने का पानी गांव वालों को न मिले ये चौकाने वाली खबर हो सकती है। लेकिन ये सच है कि उत्तराखंड के पहाड़ों में लोग इस समस्या से संघर्ष कर रहे हैं। ताड़ीखेत विकासखंड के ग्राम पंचायत कपीना के तोक धमाईजर व देवारी तोक के 40 परिवार पानी की बूंद-बूंद को तरस गए हैं। ग्रामीणों का कहना है उन्हें चिलियानौला ग्राम समूह पंपिंग योजना से जोड़ा तो गया है मगर लाइन गलत होने के कारण उन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा है।अब इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने संयुक्त मजिस्ट्रेट से लाइन बदलने की गुहार लगाई है।
कपीना गांव के तोक धमाईजर व देवारी के बाशिंदों को पेयजल मुहैया कराने के लिए चिलियानौला ग्राम समूह पंपिंग योजना से जोड़ा गया। ग्रामीणों का कहना है कि पाइप लाइन गलत बिछाने के कारण उन्हें पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिस कारण तोक में रहने वाले चालीस परिवारों के सामने पेयजल संकट गहराते जा रहा है।
लोगों को पानी के लिए दूर दराज स्थित प्राकृतिक जल स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता है।ग्रामीणों ने संयुक्त मजिस्ट्रेट अपूर्वा पांडे को ज्ञापन सौंपा योजना के पाइप लाइन में बदलाव करने की मांग की है। ये तो सिर्फ एक स्थान से जुड़ी खबर है लेकिन ऐसी समस्यायें पहाड़ के दुर्गम इलाकों में बहुतायत में है लेकिन सवाल ये है कि आज बीस बरस बाद भी देवभूमि की जनता को पीने का पानी भी हमारी सरकारें उपलब्ध नहीं करा सकी हैं।