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एएसआई के पूर्व अधिकारी का कुतुब मीनार को लेकर बड़ा दावा..

एएसआई के पूर्व अधिकारी का कुतुब मीनार को लेकर बड़ा दावा..

सन टावर है कुतुब मीनार, राजा विक्रमादित्य ने कराया था निर्माण..

 

 

 

 

 

 

कुतुब मीनार का निर्माण कुतब अल-दीन ऐबक ने नहीं बल्कि राजा विक्रमादित्य ने कराया था। उन्होंने सूर्य की दिशा के अध्ययन के लिए इसका निर्माण कराया था। उनका कहना हैं कि ”यह कुतुब मीनार नहीं है, बल्कि सन टावर (वेधशाला टावर) है।

 

देश-विदेश: कुतुब मीनार को लेकर एक बड़ा दावा किया जा रहा हैं। एएसआई के एक पूर्व अधिकारी का कहना हैं कि कुतुब मीनार का निर्माण पांचवीं शताब्दी में राजा विक्रमादित्य ने कराया था, ताकि सूरज की बदलती दिशा को देख सकें। उन्होंने अपने दावे के पक्ष में सबूत भी पेश करने की बात कही है। यह दावा ऐसे समय पर किया गया है जब ज्ञानवापी मस्जिद से लेकर मथुरा के ईदगाह, दिल्ली के जामा मस्जिद तक के पहले मंदिर होने की बात कही जा रही है और अलग-अलग अदालतों में याचिकाएं दायर की गई हैं।

एएसआई के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक धर्मवीर शर्मा का कहना हैं कि कुतुब मीनार का निर्माण कुतब अल-दीन ऐबक ने नहीं बल्कि राजा विक्रमादित्य ने कराया था। उन्होंने सूर्य की दिशा के अध्ययन के लिए इसका निर्माण कराया था। उनका कहना हैं कि ”यह कुतुब मीनार नहीं है, बल्कि सन टावर (वेधशाला टावर) है। इसका निर्माण 5वीं शताब्दी में राजा विक्रमादित्य ने कराया था। कुतब अल-दीन ऐबक ने नहीं। मेरे पास इसको लेकर बहुत सबूत है। उन्होंने एएसआई की ओर से कुतुब मीनार का कई बार सर्वे किया है।

उनका कहना हैं कि कुतुब मीनार में 25 इंच का झुकाव है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे सूर्य के अध्ययन के लिए बनाया गया था। 21 जून को कम से कम आधे घंटे के लिए वहां छाया नहीं होती है। यह विज्ञान और पुरातात्विक तथ्य है। कुतुब मीनार एक अलग ढांचा है और इसका पास के मस्जिद से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कुतुब मीनार का दरवाजा उत्तर दिशा में है, जोकि रात में ध्रुव तारे को देखने के लिए बनाया गया है।

 

 

 

 

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