उत्तराखंड

जेल विकास बोर्ड के रिवाल्विंग फण्ड स्थापित करने को सीएम धामी ने दिए ये निर्देश..

जेल विकास बोर्ड के रिवाल्विंग फण्ड स्थापित करने को सीएम धामी ने दिए ये निर्देश..

स्वरोजगार की दिशा में प्रोत्साहित किए जाएंगे कैदी..

इसके लिए 1 करोड़ जारी करने सहित दिए ये निर्देश..

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रदेश में जल्द ही जेलों की काया बदलने वाली है। मंगलवार को सीएम धामी ने राज्य में जेल विकास बोर्ड के रिवाल्विंग फण्ड स्थापित करने पर सहमति दे दी है। सीएम ने इसके लिए शुरूआती तौर पर 1 करोड़ रूपये की धनराशि जारी करने सहित कई बड़ें निर्देश दिए है। जेल में कैदी अब स्वरोजगार की दिशा में प्रोत्साहित किए जाएंगे।

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश में जल्द ही जेलों की काया बदलने वाली है। मंगलवार को सीएम धामी ने राज्य में जेल विकास बोर्ड के रिवाल्विंग फण्ड स्थापित करने पर सहमति दे दी है। सीएम ने इसके लिए शुरूआती तौर पर 1 करोड़ रूपये की धनराशि जारी करने सहित कई बड़ें निर्देश दिए है। जेल में कैदी अब स्वरोजगार की दिशा में प्रोत्साहित किए जाएंगे। साथ ही उन्हें राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, अस्पतालों तथा स्कूलों की वर्दी सिलाई का काम भी दिया जाएगा।

आपको बता दे कि सीएम धामी ने मंगलवार को सचिवालय में जेल विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान जेलों की आधुनिकीकरण प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य की समस्त जेलों में विडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से न्यायालयों के समक्ष कैदियों के पेशी की व्यवस्था किये जाने हेतु जेलों में वीसी हॉल तथा तकनीकी विकास की एक कार्ययोजना जल्द से जल्द बनाने के निर्देश दिए। उनका कहना हैं कि राज्य के कारागारों को आदर्श जेलों के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।

जेलों में कैदियों में सुधार के साथ ही ट्रैंनिंग के माध्यम से उनमें इन्टरप्रिन्योरशिप विकसित की जानी चाहिए। उन्हें स्वरोजगार की दिशा में प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इस दिशा में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, अस्पतालों तथा स्कूलों की वर्दी सिलाई का काम कैदियों से करवाएं जाने हेतु कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है। सरकारी विभागों के सामानों की अधिक से अधिक आपूर्ति भी कारागारों से करवाये जाने का प्रयास किया जाएगा।

सीएम धामी ने कैदियों के एम्स ऋषिकेश में उपचार हेतु एम्स से एमओयू करने तथा एक कार्पस फंड की व्यवस्था के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सभी कैदियों तथा उनके परिजनों के आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु जेलों में कैम्प लगाए जाने के निर्देश दिए है। ई-मुलाकात के तहत कैदियों एवं उनके परिजनों हेतु वीडियो कॉल की सुविधा उपलब्ध है। बताया जा रहा है कि ई-प्रिजन के माध्यम से बन्दियों के रिकार्ड डिजिटाइज किए गए है। अभी तक 4868 बंदियों को विडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से न्यायालयों में पेश किया गया है।

 

 

 

 

 

 

 

 

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