देहरादून के इन युवाओं ने किया शानदार आविष्कार, पढ़िए पूरी खबर..
अब घर बैठे कीजिए अपने दिल की जांच..
स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से जूझ रहे क्षेत्रों के लिए उम्मीद बनकर उभरे हैं। देहरादून में रहने वाले 5 दोस्त। इन्होंने एक ऐसी कमाल की पॉकेट साइज ईसीजी मशीन बनाई है, जिसे आसानी से घर पर इस्तेमाल कर जिंदगी बचाई जा सकती है।
उत्तराखंड: कहते हैं ना कि जिनके अंदर कुछ करने का हौंसला होता हैं। वो अपने मुकाम पर पहुंच ही जाता हैं। ऐसा ही कुछ मुकाम हासिल किया हैं देवभूमि उत्तराखंड के देहरादून में रहने वाले इन 5 दोस्तों ने। ये युवा स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से जूझ रहे क्षेत्रों के लिए उम्मीद बनकर उभरे हैं। इन्होंने एक ऐसी कमाल की पॉकेट साइज ईसीजी मशीन बनाई है, जिसे आसानी से घर पर इस्तेमाल कर जिंदगी बचाई जा सकती है। आपको बता दे कि मेडिकल साइंस के क्षेत्र में यह अविष्कार देश के साथ पूरी दुनिया में खूब सूर्खियां बटोर रहा है। अब हम घर बैठे ईसीजी जांच की पॉकेट साइज मशीन ‘स्पंदन’ से घर पर ईसीजी जांच भी आसानी से कर सकते है। इस मशीन को देहरादून निवासी रजत जैन, नितिन चंदोला, सबित रावत, अर्पित जैन और सौरभ बडोला ने देहरादून में ही विकसित किया है। इतना ही नहीं इन्होंने सनफॉक्स टेक्नोलॉजीज कंपनी खड़ी कर इस प्रोडक्ट को बाजार में भी उतारा है।
बता दे कि सोशल मीडिया पर यह टीम तब सुर्खियों में आई, जब उन्हें देशभर के लोगों ने नेशनल टीवी पर प्रसारित शार्क टैंक इंडिया शो में देखा। इन लोगों का कहना हैं कि इस 12 लीड की ईसीजी मशीन से 99.7% सटीकता के साथ दिल की बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। कंपनी के फाउंडर एवं सीईओ रजत जैन ने ग्राफिक एरा विवि से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है। नितिन, सबित और सौरभ उनके कॉलेज फ्रेंड हैं। रजत बताते हैं कि चार साल की मेहनत के बाद जनवरी 2020 में उन्होंने ऐसा सेंसर विकसित किया, जिसे स्मार्ट फोन के साथ कनेक्ट कर ईसीजी जांच की जा सकती है। रिपोर्ट आने पर मोबाइल के जरिये डॉक्टर से कहीं से भी कनेक्ट कर सकते हैं। जिससे इमरजेंसी केस में यह डिवाइस मदद कर सकेगी और जीवन बचा सकेगी। इस मशीन को आप कंपनी की वेबसाइट https://www.sunfox.in/ के साथ ही amazon पर भी खरीद सकते हैं। रजत का कहना हैं कि आज भी दुर्गम और ग्रामीण इलाकों में बेसिक हार्ट मॉनिटिरिंग सुविधा नहीं है। अगर किसी को चेस्ट पेन होता है तो वह ये ही पता नहीं कर सकते हैं कि वजह क्या है। कई लोग गैस की समस्या कहकर छोड़ देते हैं, जो खतरनाक साबित होता है। ऐसे में अब दुर्गम इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए पॉकेट ECG मशीन एक संजीवनी बूटी के रूप में साबित होगी।