माँ बाप की छोटी सी गलती के चलते गयी 158 नाबालिग बच्चों की जान…
उत्तराखंड: राज्य में बीते 3 सालों में करीब 158 नाबालिगों की जिंदगी जवानी की दहलीज पर पहुंचने से पहले ही सड़को पर दम तोड़ गयी। ये वो बच्चे हैं। जिनके हाथों में उनके ही परिजनों ने गाड़िया थमा दी थी। दरअसल उत्तराखंड यातायात निदेशालय ने बीते 3 सालों में सड़क दुर्घटना से हुई मौतों और घायलों का डेटाबेस जारी किया हैं। जो कि बहुत ही चौंकाने वाला हैं। आपको बता दे कि डेटाबेस के अनुसार उत्तराखंड में बीते 3 साल में 158 नाबालिग बच्चों की मौत केवल सड़क दुर्घटना में हुई हैं। जबकि 325 गंभीर रूप से घायल हुए हैं। कारण ये हैं कि इन बच्चों के परिजनों ने इनके हाथों में गाड़ी थमा दी थी।
तेजी से ड्राइविंग के चलते इन मासूमों ने सड़कों पर दम तोड़ दिया। इसी क्रम में मोटरव्हीकल एक्ट (motor vehicle act) के तहत अगर कोई नाबालिग वाहन चलाते समय पकड़ा जाता हैं। तो वाहन स्वामी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। साथ ही नाबालिग के गाड़ी चलाने पर 25 हजार का जुर्माना भी भरना होगा, और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन एक साल के लिए रद्द किया जायेगा। जिसके बाद 25 साल की उम्र तक नाबालिग का ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनेगा।
साथ ही ट्रैफिक निदेशालय द्वारा जारी किये गए आंकड़े भी चौकाने वाले ही हैं। इस मामले में निदेशक ट्रैफिक केवल खुराना का कहना हैं कि उनकी तरफ से हर प्रकार की कार्यवाही की जा रही हैं। कोई भी नाबालिग छात्र वाहन का उपयोग करता हुआ पकड़ा गया, तो वाहन सीज के साथ ही परिजनों पर भी मुक़दमा दर्ज करने के आदेश जारी किये गए हैं। गौरतलब हैं कि अपने बच्चों को वाहन देने से पहले इन आंकड़ों पर गौर करने की जरूरत हैं कि बच्चे के लिए जरूरी हैं।