उत्तराखंड

क्योस्क स्कैनर से मिलेगी केदारनाथ जाने वाले घोड़ा-खच्चर संचालकों की जानकारी..

क्योस्क स्कैनर से मिलेगी केदारनाथ जाने वाले घोड़ा-खच्चर संचालकों की जानकारी..

 

 

 

 

 

यात्री इस बार केदारनाथ यात्रा के दौरान घोड़ा-खच्चर,हॉकर व संचालकों के बारे में यात्री पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। प्रशासन गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्गपर तीन स्थानों पर कियोस्क स्कैनर लगाए जाएंगे।

 

 

 

 

 

उत्तराखंड: यात्री इस बार केदारनाथ यात्रा के दौरान घोड़ा-खच्चर,हॉकर व संचालकों के बारे में यात्री पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। प्रशासन गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्गपर तीन स्थानों पर कियोस्क स्कैनर लगाए जाएंगे। यह सुविधा घोड़े और खच्चर के बेहतर प्रदर्शन में योगदान देगी। इसके साथ ही शिकायतों का त्वरित समाधान प्राप्त होगा।

घोड़ा-खच्चरों को केदारनाथ यात्रा की रीढ़ कहा जाता है। लेकिन बीते कुछ वर्षों से घोड़ा-खच्चर संचालन आम यात्री के लिए परेशानी का कारण भी बनता आया है। पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चर संचालकों की मनमानी से यात्रियों से किराया से अधिक राशि वसूलने के साथ ही अभद्रता की शिकायतें आती रही हैं।

साथ ही पिछले साल यात्रा मार्ग पर 351 घोड़ा-खच्चरों की मौत के बाद पूरी व्यवस्था की वैधता पर सवाल खड़े हो गए थे। मामला केंद्र सरकार तक पहुंचा, जिसके बाद व्यवस्था में सुधार के प्रयास किए गए। इस वजह से प्रशासन घोड़ा-खच्चर संचालन को लेकर कोई कमी नहीं रखना चाहता है।

इसलिए अब गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर तीन स्थानों पर तीन कियोस्क स्कैनर लगाए जाएंगे, जिससे यात्रा में शामिल घोड़ा-खच्चर, उसके मालिक, संचालक और हॉकर के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी। इन कियोस्क स्कैनर स्क्रीन पर घोड़ा-खच्चर के टैग व हॉकर के पंजीकरण कार्ड को टच करते हुए संबंधित के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। यह पहला मौका है, जब केदारनाथ यात्रा में यह तकनीक अपनाई जा रही है।

 

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इस तरह से काम करती है कियोस्क मशीन..

कियोस्क एटीएम मशीन की तरह होता है। इसमें कंप्यूटर की तरस हार्ड डिस्क, रैम आदि लगाया जाता है। हार्डडिस्क में पूरा डाटा अपलोड होता है। इस डाटा को एक साॅफ्टवेयर के जरिए इंटरनेट के माध्यम से संचालित कियोस्क स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाता है। जैसे ही अल्ट्रा फ्रीक्वेंसी चिप युक्त कार्ड को स्क्रीन पर टच करते ही एक-एक सूचना प्रदर्शित होने लगती है।

घोड़ा-खच्चर के संचालन को बेहतर बनाने के लिए तीन स्थानों पर कियोस्क स्कैनर लगाए जाएंगे। इन स्कैनर के माध्यम से जानवर से लेकर उसके हॉकर व मालिक के बारे में वह जानकारी मिल जाएगी, जो उसने पंजीकरण के दौरान दर्ज कराई है। इसके अलावा फीडबैक सिस्टम भी लगाया जाएगा, जिससे यात्री सुविधाओं का मूल्यांकन कर रैंकिंग कर सकें। इन सुविधाओं के जरिए यात्राकाल में यात्री व्यवस्थाओं को सुधारने में मदद मिलेगी।

 

 

 

 

 

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