टॉक शो के जरिए लिंगानुपात संतुलन को लेकर किया जागरूक..
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में चार महाविद्यालयों में किया टॉक शो का आयोजन..
टॉक शो में सरकारी प्रयासों को साकार करने के लिए सामाजिक जागरूकता पर दिया जोर..
पीसीपीएनडीटी एक्ट के बारे में किया जागरूक, छात्राओं के हीमोग्लाबिन की हुई जांच..
रुद्रप्रयाग। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जनपद के चार महाविद्यालयों में घटते लिंगानुपात विषय पर आयोजित टॉक शो में लिंगानुपात संतुलन के उपायों पर चर्चा की गई। इस अवसर पर लिंगानुपात संतुलन के लिए सरकारी योजनाओं को साकार करने के लिए सामाजिक जागरूकता पर जोर दिया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ एचसीएस मार्तोलिया के निर्देशन में घटते लिंगानुपात विषय पर राजकीय महाविद्यालय रुद्रप्रयाग, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि, राजकीय महाविद्यालय जखोली व राजकीय महाविद्यालय गुप्तकाशी में लिंगानुपात संतुलन के लिए जागरूकता के उद्देश्य से टॉक शो का आयोजन किया गया। टॉक शो में डाॅ शाकिब हुसैन ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के आयोजन का मुख्य लक्ष्य लैंगिक असमानताओं को खत्म कर लिंग आधारित चुनौतियों के खात्में के लिए जागरूकता फैलाना, महिला सशक्तिकरण व महिलाओं को उनके अधिकार प्रदान करने में सहयोग प्रदान करना है। प्राचार्य डाॅ आशुतोष त्रिपाठी ने कहा कि लिंगानुपात का घटना चिंता का विषय है। कहा कि यदि समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो भविष्य में यह स्थिति और भयावह हो सकती है।
जिला समन्वयक पीसीपीएनडीटी डाॅ मनवर सिंह रावत ने कहा कि घटते लिंगानुपात को कम करने उद्देश्य से गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम लागू किया गया है, जिसके अंतर्गत प्रसव पूर्व एवं गर्भस्थ शिशु के लिंग चयन प्रक्रिया को निषेध कर दिया गया है। भू्रण के लिंग परीक्षण के लिए गर्भवती महिला को प्रेरित करना व दबाव डालना, लिंग जांच में सहयोगी बनना, लिंग जांच करना या करवाने को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। उन्होने बताया कि इस अधिनियम के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर पांच वर्ष की सजा अथवा एक लाख का जुमार्ना या दोनों वहीं चिकित्सक के लिए 5 वर्ष की कैद, अर्थदंड व पंजीकरण रद्द करने का प्रावधान है।
इस अवसर पर काउंसलर आरकेएसके विपिन सेमवाल ने महाविद्यालय की छात्राओं की हीमोग्लोबिन जांच कर पोषण के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। वहीं, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में डाॅ दिलीप सिंह, डाॅ कमल ने लिंगानुपात संतुलन के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक कारकों के प्रति जनमानस को जागरूक करने पर जोर दिया। राजकीय महाविद्यालय गुप्तकाशी में प्राचार्य डाॅ प्रताप सिंह सजवाण, डाॅ चंद्रशेखर, राजकीय महाविद्यालय जखोली में सीएचओ उत्तम व नेहा ने स्वस्थ समाज के लिए लैंगिक भेदभाव को दूर करने के लिए सामाजिक जागरूकता पर जोर दिया।
वहीं, जीआईसी तैला, प्राथमिक विद्यालय ल्वाणी, प्राथमिक विद्यालय तिलवाड़ा एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में आरबीएसके टीमों ने गोष्ठियों का आयोजन कर जानकारी दी। कार्यक्रम में बीएलए सुधीर शुक्ला, बलवंत बजवाल, अमित नौडियाल, अमित मैठाणी, प्रदीप सिंह, संध्या खन्ना, आशीष उनियाल आदि मौजूद रहे।