कैंसर पीड़ित पिता के लिए गौरीकुंड का जल लेने दिल्ली से रुद्रप्रयाग पहुंची युवती..
उत्तराखंड: कहते हैं न की अगर विश्वास और आस्था हो तो इंसान कुछ भी कर सकता हैं। अगर उसे रोकने का प्रयास भी करे तो तब भी वह निकलने का प्रयास कर ही लेता हैं। और उत्तराखंड को तो देवभूमि कहा जाता है। यहा के कण-कण में तो भगवान बिराजमान हैं। बीमार व्यक्ति के स्वजन उसका जीवन बचाने के लिए हर उस राह पर जाने को तैयार रहते हैं, जहां उन्हें उम्मीद की किरण नजर आती है।
फिर वह रास्ता अस्पताल की ओर जाता हो या किसी तीर्थ स्थल की ओर। इसकी बानगी पेश की उस बेटी ने जो रिश्तेदार के कहने पर अपने कैंसर पीड़ित पिता के लिए तप्तकुंड (गौरीकुंड) का जल लेने दिल्ली से रुद्रप्रयाग पहुंच गई। रविवार को रुद्रप्रयाग जिले की सीमा पर चेकिंग के दौरान पुलिस ने एक युवती को रोका तो पता चला कि वह दिल्ली से आ रही है। यह युवती गौरीकुंड जाने की जिद बार-बार कर रही थी। लेकिन, पुलिस ने केदारनाथ यात्रा पर रोक के चलते उन्हें आगे नहीं जाने दिया।
इस पर युवती ने बताया कि वह अपने कैंसर पीड़ित पिता के लिए गौरीकुंड से तप्तकुंड का जल लेने यहां आई है। क्योंकि, तप्तकुंड का जल पीने के बाद पिता की स्थिति में सुधार हो रहा है। बताया कि वर्तमान में उनके पिता दिल्ली एम्स में भर्ती हैं। बीते दिनों किसी रिश्तेदार ने गौरीकुंड से लाया हुआ तप्तकुंड का जल उनके पिता को दिया। उससे पिता का कैंसर लेवल चमत्कारी ढंग से 36 प्रतिशत से घटकर एक प्रतिशत पर आ गया है। इसलिए वह दोबारा उस ‘अमृत’ को लेने यहां आई हैं।