उत्तराखंड

उत्‍तराखंड का वो भुतहा गांव जहां पर रहते हैं सेना के 8 जवानों के भूत..

उत्‍तराखंड का वो भुतहा गांव जहां पर रहते हैं सेना के 8 जवानों के भूत..

उत्‍तराखंड: देवभूमि के नाम से बिख्यात उत्तराखंड यहां पर कई ऐसी कहानियां आपको मिल जाएंगी जिन्‍हें सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। इसी देवभूमि में आपको एक गांव ऐसा मिल जाएगा जहां पर इंसान नहीं बल्कि भूत रहते हैं। एक समय ऐसा था जब इस गांव में चहल-पहल रहती थी लेकिन अब यहां पर भूतों का सन्‍नाटा बिखरा हुआ हैं। इस गांव में टोटल 8 भूत हैं और अब इस गांव को भूतियां गांव के तौर पर जाना जाता हैं। कहा जाता हैं कि इस गांव के भूत किसी भी इंसान को यहा पर बसने नहीं देते हैं।

 

आपको बता दे कि उत्तराखंड के चंपावत जिले में एक गांव है स्वाला और यहां पर कोई भूलकर कदम नहीं रखना चाहता। इस गांव में कभी इंसानों की चहल-पहल रहा करती थी। कभी आबादी से भरे इस गांव में आज यह आलम है कि यह गांव वीरान पड़ा हैं। अब इस गांव का नाम बदलकर ‘भूत गांव’ हो गया है। कहा जाता हैं कि 63 साल पहले आठवीं बटालियन की पीएसी की एक गाड़ी के गिरने यह गांव बाद वीरान हो गया था। इस गांव के कोसो दूर तक कोई इंसानी गांव नहीं बसा हुआ है।

 

कहते हैं कि सन् 1952 में हुए एक एक्‍सीडेंट के बाद सब कुछ बदल गया। कहा जाता है कि एक बार यहां से सेना के जवानों की गाड़ी गुजर रही थी। तभी जवानों की गाड़ी खाई में गिर गई थी। गाड़ी में सेना के 8 जवान थे। जवानों ने गांव वालों से मदद की अपील की मगर गांव वालों ने उनकी अपील को नजरअंदाज कर दिया। गांव वाले उन्हें बचाने की जगह उनके सामान को लूटने में लग गए। किसी ने भी उनकी मदद नहीं की कहते हैं कि गांव वालों ने अगर उनकी मदद की होती तो शायद कुछ जवान उनमें से जिंदा बच जाते।

 

गांव का नाम पड़ा भूतिया गांव..

यहीं से शुरू हुई गांव के वीरान होने की कहानी आसपास रहने वाले लोगों का मानना है कि उस हादसे के बाद से ही यहां पर 8 जवानों की आत्माएं उस गांव में निवास करती है। जवानों की आत्माएं गांव वालों को परेशान करने लगी जिसका नतीजा यह हुआ कि गांव वालों को अपना गांव छोड़ना पड़ा। तब से लेकर आज तक इस गांव में कोई नहीं बसा। डर के चलते स्वाला गांव के लोग इसे छोड़कर चले गए। आसपास के लोग अब इसे भुतहा गांव के नाम से जानने लगे हैं। जिस जगह से पीएसी के जवानों का गाड़ी गिरी थी, वहां इन जवानों की आत्मा की शांति के लिए नव दुर्गा देवी का मंदिर स्थापित कर दिया गया था, जहां हर आने और जाने वाली गाड़ी जरूर रुकती हैं।

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