मां धारी देवी की शरण में थक-हारकर पहुंचे इंजीनियर,पढ़िए पूरी खबर..
उत्तराखंड: बारिश-भूस्खलन से ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हुआ तो लोनिवि के अधिकारी मां धारी देवी की शरण में पहुंच गए। अधिशासी अभियंता बीएल मिश्रा धारी देवी मंदिर में पहुंचे और प्रसाद चढ़ाकर वहां पूजा-अर्चना की। आपको बता दे कि बारिश और भूस्खलन की वजह से ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग नरकोटा के पास बंद पड़ा है। यहां बार-बार लैंडस्लाइड हो रहा है, जिससे रास्ता खोलने में परेशानी हो रही है।
कुदरत के आगे इंजीनियर भी हार मान चुके हैं। जब समस्या का कोई समाधान नहीं मिला तो इंजीनियर थक-हारकर मां धारी देवी की शरण में पहुंच गए। वैसे इंजीनियरों के भगवान की शरण में जाने का ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले तोताघाटी इलाके में भी रोड कटिंग के दौरान बार-बार पहाड़ी से मलबा आ रहा था। मजदूर दिनभर काम करते, लेकिन रात को पहाड़ी से फिर मलबा आ जाता था। इससे परेशान होकर लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने चमराड़ा देवी की पूजा-अर्चना की थी।
ठीक इसी तरह बीआरओ ने भी सिरोबगड़ पर भूस्खलन प्रभावित ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग की मरम्मत से पहले भगवान शिव को मनाया था और अब यह मामला नरकोटा का है। जहां बारिश से बार-बार हो रहे भूस्खलन से परेशान इंजीनियर साहब मां धारी देवी से मदद मांगने मंदिर पहुंच गए। ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग नरकोटा के समीप तीन दिन से बंद है। इस कारण रुद्रप्रयाग से आने वाले वाहनों को तिलवाड़ा-घनसाली-कीर्तिनगर से ऋषिकेश भेजा जा रहा है। जगह-जगह सड़कें बंद हैं। कुदरत के सामने हार मान चुके इंजीनियर भी अब भगवान की शरण में पहुंच कर मदद मांग रहे हैं, ताकि सड़क निर्माण के काम में किसी तरह की बाधा न आए।