उत्तराखंड

20 घंटे की माथापच्ची के बाद बिजली कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त..

20 घंटे की माथापच्ची के बाद बिजली कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त..

उत्तराखंड: करीब 20 घंटे की माथापच्ची के बाद आखिरकार बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल समाप्त कर दी। यूपीसीएल, यूजेवीएनएल और पिटकुल में हड़ताल पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद कर्मचारियों का पारा चढ़ गया था। काफी मान मनोव्वल के बाद कर्मचारियों का गुस्सा ठंडा पड़ा और वे हड़ताल समाप्त करने पर राजी हुए। सरकार ने दोपहर में ही अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) के तहत तीनों निगमों में हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया था। सचिव ऊर्जा सौजन्या ने इसका आदेश जारी किया।

 

उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर 14 सूत्री मांगों को लेकर 3500 से ज्यादा बिजली कर्मचारियों ने मध्य रात्रि से हड़ताल शुरू कर दी थी। रातभर तो जैसे-तैसे आपूर्ति हुई, लेकिन सुबह होते ही प्रदेश के कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति लड़खड़ाने लगी। देखते ही देखते राजधानी सहित प्रदेश के तमाम शहरों के कई हिस्सों में बिजली गुल हो गई। पहले एमडी स्तर पर बिजली कर्मचारियों की वार्ता चली, जो विफल हो गई। इसके बाद करीब तीन घंटे तक ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत से वार्ता हुई। वार्ता के बाद ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने सभी मांगों को पूरा करने के लिए एक माह का समय मांगा है।

 

वार्ता के बाद मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक ने मीडिया के सामने हड़ताल स्थगित करने का एलान कर दिया। लेकिन इस पर कई संगठन असहमत होते हुए बाहर चले गए। इस असहमति के बवाल को थामने के लिए मोर्चा की बैठक दोबारा बुलाई गई। बैठक में कहा गया कि जब तक ऊर्जा मंत्री से बातचीत के मिनट्स लिखित में नहीं आएंगे, तब तक वह हड़ताल जारी रखेंगे। रात करीब साढ़े नौ बजे तीनों निगमों के एमडी के हस्ताक्षर हुए मिनट्स आए, जिस पर कर्मचारी नेताओं ने भी हस्ताक्षर कर दिए। इसके बाद हड़ताल पूर्ण रूप से स्थगित करने की घोषणा कर दी गई। हड़ताल खत्म होते ही बिजली कर्मचारी अपने काम पर लौटने लगे। देर रात तक कई इलाकों में विद्युत आपूर्ति सुचारु हो गई थी।

 

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