एक घंटे में 1200 श्रद्धालु कर सकेंगे केदारनाथ के दर्शन..
तीर्थयात्रियों को नहीं करना पड़ेगा इंतजार..
आगामी चारधाम यात्रा के दौरान एक घंटे में केवल 1200 श्रद्धालु ही केदारनाथ के दर्शन कर सकेंगे। दर्शन के लिए भारी भीड़ के कारण इस बार टोकन सिस्टम लागू किया गया है। ताकि यात्रा व्यवस्था का व्यवस्थित रखा जाए।
उत्तराखंड: आगामी चारधाम यात्रा के दौरान एक घंटे में केवल 1200 श्रद्धालु ही केदारनाथ के दर्शन कर सकेंगे। दर्शन के लिए भारी भीड़ के कारण इस बार टोकन सिस्टम लागू किया गया है। ताकि यात्रा व्यवस्था का व्यवस्थित रखा जाए। इस बार प्रशासन व बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने धाम में भीड़ प्रबंधन और यात्रियों के घंटों लाइन में खड़े होने की समस्या को दूर करने के लिए टोकन व्यवस्था की योजना बनाई है।
इस बार पहले दिन से ही धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को एक-एक घंटे के स्लॉट के हिसाब से टोकन मिलेगा। टोकन में दर्शन संख्या और समय शामिल होगा। अधिकारियों का कहना हैं कि बाबा केदार के दर्शन आसानी से हो सके। इसके लिए एक घंटे में सिर्फ 1200 श्रद्धालुओं को इसके लिए टोकन मिलेगा।
ऐसे में अगर धर्म दर्शन के लिए मंदिर को 12 घंटे खोला जाता है तो इस दौरान 14,400 श्रद्घालु दर्शन कर सकेंगे। इसके अलावा यात्राकाल में यात्रियों की बढ़ती संख्या, मौसम और अन्य हालातों को ध्यान में रखते हुए तय लक्ष्य को कम-ज्यादा किया जा सकता है। बता दें कि बीते वर्ष धाम में 15 लाख 63 हजार से अधिक यात्रियों ने दर्शन किए थे।
लाउडस्पीकर से होती रहेगी टोकन नंबर की घोषणा..
केदारनाथ में एक-एक घंटे के स्लॉट के आधार पर टोकन वितरित किए जाएंगे। टोकन वितरण के लिए मंदिर से दो सौ मीटर पहले काउंटर लगाए जाएंगे जिससे किसी को कोई दिक्कत न हो। साथ ही टोकन वितरण के लिए समय-समय भी निर्धारित की जाएगी।
पूजा-अर्चना के लिए लेना होगा अलग समय..
आपको बता दे कि यात्राकाल में देश के विभिन्न प्रांतों के श्रद्धालु बाबा केदार का महाभिषेक, रुद्राभिषेक सहित अन्य पूजाओं व आरती के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन बुकिंग करते हैं। बीते वर्ष की भांति इस बार भी पूजा-अर्चना के लिए अलग से समय तय किया जाएगा जिससे धर्म दर्शन के दौरान यात्रियों को कोई दिक्कत न हो।
केदारनाथ यात्रा को व्यवस्थित और सुविधाजनक बनाने के लिए इस बार टोकन प्रणाली का उपयोग कर रहा है। टोकन का वितरण एक-एक घंटे के स्लॉट में होगा। टोकन में क्रम संख्या और दर्शन का समय अंकित होगा। इस व्यवस्था से यात्रा और सुचारू रूप से चलेगी। इसके साथ ही दर्शनार्थियों की सही संख्या भी मिलेगी।