उत्तराखंड

यमकेश्वर ब्लाक के धारकोट गांव का प्राइमरी स्कूल बना पहला स्मार्ट स्कूल..

यमकेश्वर ब्लाक के धारकोट गांव का प्राइमरी स्कूल बना पहला स्मार्ट स्कूल..

 

 

 

 

 

आजकल उत्तराखंड में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था का सही न होना यहां से पलायन का मुख्य कारण बनता जा रहा है। यहां के लोग अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए गांव से मैदानी क्षेत्रों में जा रहे हैं और अपने बच्चों को वहां पर शिक्षा दीक्षा दे रहे हैं।

 

 

 

उत्तराखंड: आजकल उत्तराखंड में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था का सही न होना यहां से पलायन का मुख्य कारण बनता जा रहा है। यहां के लोग अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए गांव से मैदानी क्षेत्रों में जा रहे हैं और अपने बच्चों को वहां पर शिक्षा दीक्षा दे रहे हैं। अगर इन बच्चों को यहीं पर ही सही प्रकार से शिक्षा मिल जाये तो यहां पर रहने वाले लोग अपने बच्चों को यहीं पर ही शिक्षा दे सकते हैं इससे एक तो यहां से पलायन रुकेगा और दूसरा हमारे गांव भी आबाद रहेंगे।

अब ऋषिकेश के कम्प्यूटर गुरु शिक्षण संस्थान ने ग्राम धारकोट की एक प्राइमरी स्कूल को स्मार्ट स्कूल बनाने का काम शुरू किया है। इस स्मार्ट स्कूल को खोलने के लिए यहां के लोगों का भी सहयोग प्राप्त हुआ है। ग्राम धारकोट द्वारा उठाया गया यह बहुमूल्य कदम आने वाले समय में यहां के बच्चों के भविष्य को बदल सकता है। कम्प्यूटर गुरु शिक्षण संस्थान द्वारा प्राइमरी स्कूल में बच्चों की शिक्षा को एक नया मंच दिया जा रहा है जिसमें बच्चों की शिक्षा को डिजिटल माध्यम से बेहतर बनाने के लिए कम्प्यूटर, टीवी एवं ऑडियो-वीडियो पाठ्यक्रम के माध्यम से स्मार्ट क्लास का शुभारम्भ किया गया है। जिससे ग्रामीण शिक्षा को शहरी शिक्षा से भी बेहतर बनने का प्रयास किया जा रहा है।

इस कार्य को सफल बनाने के लिए बेलम सिंह नेगी के नेतृत्व एवं निरंतर प्रयास व स्कूल अध्यापिकाओं की अनुमति एवं सहयोग के साथ मुख्यतः सतेंद्र रावत द्वारा 43 इंच का टीवी स्कूल को भेंट किया गया एवं कम्प्यूटर गुरु शिक्षण संस्थान (बापूग्राम, आईडीपीएल ऋषिकेश देहरादून) की तरफ से धारकोट निवासी महेंद्र नेगी और पुष्पेन्द्र बिष्ट, कम्प्यूटर सेंटर हेड द्वारा ऑडियो-वीडियो पाठ्यक्रम वेबसाइट एवं अन्य साफ्टवेयर उपलब्ध कराया गया जिससे स्मार्ट क्लास की शुरुआत की गई। इस कार्य को सफल बनाने में समस्त ग्रामवासियों का बहुमूल्य सहयोग रहा।

अगर हम अपने अपने क्षेत्र के प्राइमरी स्कूलों में ऐसे ही स्मार्ट क्लासेस शुरू करें तो इससे एक तो इन बच्चों में पढ़ने में भी रूचि बढ़ेगी और यह बच्चे खेल-खेल में काफी कुछ सीख सकते हैं। इससे इन बच्चों का मानसिक विकास भी तेजी से होगा और इन बच्चों को अन्य प्रकार की जानकारियों भी प्राप्त होंगी।
आजकल उत्तराखंड के हर प्राइमरी स्कूल में कम्प्यूटर मौजूद होगा लेकिन उस कम्प्यूटर का इस्तेमाल बहुत कम ही स्कूलों में हो रहा है। अगर हम धारकोट स्कूल की बात करें तो यहां पर यह कम्प्यूटर लगे एक साल हो गया था लेकिन अभी तक इस कम्प्यूटर का उपयोग नहीं हुआ था।

भला हो कम्प्यूटर गुरु शिक्षण संस्थान का जिन्होंने यहां के बच्चों के भविष्य के लिए यह कदम उठाया और आज यह बच्चे स्मार्ट क्लास का आनंद ले रहे हैं। आज के बच्चे ही कल देश का भविष्य बनेंगे। अगर हम सब लोगों ने बच्चों को सही शिक्षा दीक्षा दे दी तो यह बच्चे कल अपनी और देश की तकदीर बदल सकते हैं।

 

 

 

 

 

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