उत्तराखंड

यहां आत्माओं की शांति के लिए भगवान देते हैं तर्पण..

नागनाथ घुणेश्वर मंदिर में लगता है तोषी मेला..

नागनाथ भगवान के दर्शन कर मिलती है ऊर्जा: मोहित..

 

 

 

रुद्रप्रयाग। देवभूमि उत्तराखंड में मनुष्य ही नहीं भगवान भी दिवंगत यहां आत्माओं की शांति के लिए उन्हें तर्पण देते हैं। जखोली ब्लॉक के पूर्वी बांगर में प्रतिवर्ष पितृ पक्ष में अनंत चतुर्दशी को भगवान नागनाथ घुणेश्वर महाराज दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए तर्पण करते हैं। यह परंपरा सदियों से निभाई जा रही है। बीते वर्षों में इस दिन यहां मेले का आयोजन भी होता था, जिसे तोषी मेला कहा जाता है। कोरोनाकाल के कारण दो वर्ष से आयोजन नहीं हो रहा है।

 

पूर्वी बांगर के डांगी, बक्सीर, भुनालगांव, खोड़, मथ्यागांव एवं उछोला के आराध्य भगवान नागनाथ घुणेश्वर महाराज का विशेष धार्मिक महत्व है। डांगी गांव में आराध्य का पौराणिक मंदिर है। यहां पितृपक्ष में स्वयं घुणेश्वर भगवान दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए तर्पण करते हैं। अनंत चतुर्दशी को मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना होती है। इसी दौरान आराध्य अपने पश्वा पर अवतरित होते हैं और चांदी की थाल में जौ, तिल, गाय के दूध व पानी से दिवंगत आत्माओं का तर्पण करते हैं।

 

मंदिर के मुख्य सहयोगी गोविंद राम ध्यानी, सूर्यमणि ध्यानी, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि प्रदीप राणा, ओपी ध्यानी, मंगल सिंह नेगी, सज्जन सिंह नेगी, कैलाश बैरवाण, पूर्वी बांगर विकास समिति अध्यक्ष आरती भंडारी, एसएस भंडारी, रमेश भट्ट, पूर्व प्रधान उमेद सिंह नेगी, नवीन सेमवाल का कहना है कि भगवान द्वारा दिवंगत आत्माओं को तर्पण देने के कुछ समय बाद ही बारिश हो जाती है। इससे पूरा वातावरण शुद्ध हो जाता है। वहीं उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने भी नागनाथ मंदिर में मत्था टेककर आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि वह जब भी नागनाथ भगवान की शरण में आते हैं तो उन्हें ऊर्जा मिलती है।

 

उन्होंने नागनाथ भगवान से सभी क्षेत्रवासियों की खुशहाली और समृद्धि की कामना की। युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि मान्यता है कि जब पाण्डव जुए में अपना सारा राज-पाट हारकर वन में कष्ट भोग रहे थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अनन्त चतुर्दशी का व्रत करने की सलाह दी थी। धर्मराज युधिष्ठिर ने अपने भाइयों तथा द्रौपदी के साथ पूरे विधि-विधान से यह व्रत किया तथा अनन्त सूत्र धारण किया।

 

अनन्त चतुर्दशी-व्रत के प्रभाव से पाण्डव सब संकटों से मुक्त हो गए। इस मौके पर प्रेमदत्त ध्यानी, विनोद ध्यानी, आत्माराम ध्यानी, नंदराम ध्यानी, दौलतराम भट्ट, उदय राम भट्ट, पुरुषोत्तम ध्यानी, दिवाकर ध्यानी, गोविंद राम ध्यानी, प्रधान खोड़ प्रदीप राणा, प्रधान डांगी संध्या देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य उम्मेद सिंह, प्रधान भुनालगावँ कैलाश बैरवान, प्रधान बक्सीर पिंकी देवी, प्रधान मथ्या गावँ सज्जन सिंह नेगी, उछोला प्रधान सौकार सिंह, जितेंद्र ध्यानी, देवी प्रसाद, रमेश भट्ट, शैलेन्द्र प्रसाद, महेंद्र ध्यानी, नागेंद्र प्रसाद, चंद्र प्रकाश ध्यानी, हरीश ध्यानी, विकास भट्ट, विकास ध्यानी, सुधाकर ध्यानी, मनीष ध्यानी, नरेंद्र ध्यानी, आयुष भट्ट, प्रदीप भट्ट, संदेश भट्ट, गौरव भट्ट, दिव्यांशु भट्ट, दिव्यांशु ध्यानी सहित कई लोग मौजूद थे।

 

 

 

 

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