उत्तराखंड

उत्तराखंड सरकार ने इन्हें दिए चारधाम यात्रा पर न आने के निर्देश..

उत्तराखंड सरकार ने इन्हें दिए चारधाम यात्रा पर न आने के निर्देश..

15 दिनों तक नहीं होंगे वीवीआईपी दर्शन..

 

 

 

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश में आगामी 10 मई से चारधाम यात्रा का शुभारंभ होने जा रहा है। यात्रा शुरू होने के 15 दिनों तक वीआईपी और वीवीआईपी दर्शनों को टालने के लिए निर्देश उत्तराखंड शासन ने दिये हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव ने इस आशय का पत्र अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों को भी भेजे हैं। विशेषकर केदारनाथ में वीआईपी दर्शनों को अवाइड करने के लिए कहा गया है ताकि अन्य तीर्थयात्रियों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। गढ़वाल कमिश्नर के अनुसार इस संबंध में हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को भी सूचित किया जा रहा है।

बता दे कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का बुधवार से काउंटडाउन शुरू हो गया है। यात्रा के लिए बुधवार को पंजीकरण का आंकड़ा 18 लाख के पार पहुंच गया है। जिसके चलते चारों धामों में इस बार टोकन और स्लॉट सिस्टम लागू किया जा रहा है। इस संबंध में पर्यटन विभाग ने उत्तरकाशी हरिद्वार चमोली और रुद्रप्रयाग के डीएम एसपी को भी पत्र जारी किया है। चारधाम यात्रा के लिए लाखों की संख्या में हुए पंजीकरणों को देखते हुए उत्तराखंड शासन ने सीएम के निर्देशों पर शुरुआत के 15 दिनों में वीआईपी और वीवीआईपी दर्शनों को नहीं कराने का फैसला लिया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बुधवार को बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय और पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे के साथ चार धाम यात्रा को लेकर समीक्षा बैठक की। जिसके बाद अन्य राज्यों को पत्र भेजा गया है।

अन्य राज्यों के इस पत्र के जरिए कहा गया है कि 10 से 25 मई के बीच चारों धामों में 10 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है। लाखों की संख्या में आने वाले इन तीर्थयात्रियों की व्यवस्था और सुविधा के लिए पूरी सरकारी मशीनरी जुटी हुई है। लिहाजा इन 15 दिनों की अवधि में उनके वीआईपी या वीवीआईपी दर्शन के लिए ना आएं।

गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे का कहना हैं है कि यात्रा के शुरुआती दौर में विशेषकर केदारनाथ धाम में वीआईपी दर्शनों को टालने की कोशिश की जा रही है ताकि अन्य तीर्थयात्रियों को किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े। बताया कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार श्रद्धालुओं के लिए सुविधा में बढ़ोतरी की गई है। पिछले साल केदारनाथ में जहां नौ पार्किंग स्थलों का संचालन किया जा रहा था वहीं इस बार 20 स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। जहां 1495 वाहनों की पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी। इस बार वाहनों की मॉनिटरिंग के लिए ऐप भी बनाया गया है।

 

 

 

 

 

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