भारतचीन सीमा से लगी महत्वपूर्ण सड़क है नीति मलारी..
लगातार हो रहे भू धंसाव के चलते चिपको नेत्री गौरा देवी का स्मारक भी हटाकर सुरक्षित स्थान पर रखा गया..
पूरा रैणी गांव दशहत में होने के कारण स्थायी समाधान की कर रहे हैं मांग..
उत्तराखंड: एक बार फिर से देश की सामरिक दृष्टिकोण से संवेदनशील नीति मलारी सड़क निर्माण के लिए चिपको आंदोलन की धरती के लोगों ने अपनी जमीन खुशी खुशी दे डाली हम बात कर रहे हैं जोशीमठ से नीति मलारी सड़क 8 दिन पहले रैणी गांव के पास 40 मीटर पूरी तरह से ध्वस्त हो गई थी जिसके बाद सड़क बनाने के लिए जमीन की आवश्यकता थी और रैणी गांव के कई परिवार सड़क से लगे हुए थे प्रशासन की तरफ से ग्रामीणों से सड़क के महत्व और संवेदनशीलता पर वार्ता की सड़क सुचारू किए जाने के लिए जमीन को लेकर निवेदन किया गया।
जिसके बाद जिला प्रशासन की तरफ से सड़क और आपदा की की चपेट में आ रहे 14 परिवारों के विस्थापन को आश्वासन दिया की सड़क निर्माण के साथ ही उन लोगों को विस्थापित किया जाएगा और सुरक्षित जगह पर रखा जाएगा अब ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपने देश की सीमा से लगे नीति मलारी सड़क और सामरिक दृष्टिकोण से इसके महत्व को समझते हुए जमीन दी है उन्होंने यह भी कहा कि वह लोग देश की द्वतीय रक्षा पंक्ति के रूप में यूं ही नहीं जाना जाता है वह देश के लिए और अपनी सेना के लिए अपना हर कुछ न्योछावर करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं लेकिन आज पूरा रानीगांव जिस मुसीबत से गुजर रहा है शासन और प्रशासन को उनकी इस समस्या के समाधान के लिए स्थाई समाधान का विकल्प ढूंढना होगा