उत्तराखंड

अब नौ मिनट में यमुनोत्री धाम पहुंचेंगे श्रद्धालु..

अब नौ मिनट में यमुनोत्री धाम पहुंचेंगे श्रद्धालु…

खरसाली से यमुनोत्री रोपवे की राह में वन भूमि की अड़चन हुई दूर..

 

 

 

 

 

 

 

 

उत्तरकाशी जिले में खरसाली से यमुनोत्री रोपवे मार्ग में वन भूमि का अवरोध हटा दिया गया है। रोपवे के लिए 3.838 हेक्टेयर भूमि के हस्तांतरण को वन मंत्रालय द्वारा अधिकृत किया गया है। जल्द ही पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी मोड) के तहत रोपवे का निर्माण शुरू होगा।

 

 

 

 

 

उत्तराखंड: उत्तरकाशी जिले में खरसाली से यमुनोत्री रोपवे मार्ग में वन भूमि का अवरोध हटा दिया गया है। रोपवे के लिए 3.838 हेक्टेयर भूमि के हस्तांतरण को वन मंत्रालय द्वारा अधिकृत किया गया है। जल्द ही पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी मोड) के तहत रोपवे का निर्माण शुरू होगा। यमुनोत्री धाम की यात्रा को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए खरसाली से यमुनोत्री मंदिर तक एक रोपवे का सुझाव दिया गया है।

यह रोपवे कुल मिलाकर 3.5 किलोमीटर लंबा होगा। खरसाली गांव यमुनोत्री रोपवे की आधारशिला 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने रखी थी। हालांकि वन भूमि की मंजूरी नहीं होने के कारण रोपवे का निर्माण आगे नहीं बढ़ पाया है।

खरसाली गांव में रोपवे के लिए स्थानीय लोगों से जमीन खरीदी गई थी। पर्यटन एजेंसी ने 2021 में रोपवे बनाने के लिए एक कंपनी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करने की कवायद शुरू की थी, लेकिन यात्रियों की संख्या कम होने के कारण कंपनी रोपवे बनाने के लिए तैयार नहीं थी।

कई वर्षों के अथक प्रयास के बाद वन भूमि के हस्तांतरण की सहमति मिलने के बाद रोपवे के लिए मार्ग तैयार कर लिया गया है। खरसाली-यमुनोत्री रोपवे के लिए वन भूमि के हस्तांतरण को अधिकृत किया गया है। अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए जल्द ही रोपवे निर्माण का काम शुरू होगा। रोपवे बन जाने के बाद श्रद्धालुओं को यमुनोत्री धाम जाने में आसानी होगी।

नौ मिनट में यमुनोत्री पहुंच सकेंगे श्रद्धालु..

3.5 किमी लंबा रोपवे खरसाली को यमुनोत्री मंदिर से जोड़ेगा। केवल नौ मिनट में श्रद्धालु रोपवे से यमुनोत्री मंदिर पहुंचेंगे। पैदल मार्ग से यात्रा करने में अभी तक चार से पांच घंटे का समय लगता है। इससे बुजुर्ग लोगों को सफर करने में काफी परेशानी होती है।

 

 

 

 

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