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कोरोना से ठीक हुए मरीजों में ब्लैक फंगस का डर, इन 10 राज्यों में फैली ये बीमारी..

कोरोना से ठीक हुए मरीजों में ब्लैक फंगस का डर, इन 10 राज्यों में फैली ये बीमारी..

देश-विदेश: देश में कोरोना वायरस के साथ-साथ म्यूकोरमाइकोसिस का खतरा भी अब बढ़ता जा रहा है। देश के 10 राज्यों में म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के मामले देखने को मिल रहे हैं। इस बीमारी से मरीज की आंख की रोशनी जाने और जबड़े और नाक की हड्डी गलने का खतरा रहता है। ये इतनी गंभीर बीमारी है इसमें सीधे मरीज को आईसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है।

1- गुजरात

गुजरात में म्यूकोरमाइकोसिस के सबसे ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं। स्थिति इतनी खराब है कि राज्य सरकार ने इसके लिए अलग से वार्ड बनाने तैयार कर दिए हैं। यहां अब तक 100 से ज्यादा मामले सामने आ गए हैं। इनमें से कई मरीजों की आंख की रोशनी तक जा चुकी है।

2- महाराष्ट्र

कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का कहना हैं कि राज्य में अब तक दो हजार से ज्यादा म्यूकोरमाइकोसिस के मामले सामने आ चुके हैं।

3-  राजस्थान

राजस्थान में भी ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां जयपुर में 14 से ज्यादा मामले आ चुके हैं और कई मरीजों ने अपनी आंख की रोशनी तक खो दी है।

4- मध्यप्रदेश

महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश में भी म्यूकोरमाइकोसिस के मामले देखने को मिले हैं। इस बीमारी से अबतक यहां दो लोगों की जान चली गई है। राज्य में इसके 50 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। राज्य के डॉक्टर इसके इलाज के लिए अमेरिकी डॉक्टर से परामर्श ले रहे हैं।

5-कर्नाटक 

इन पांच राज्यों के अलावा कर्नाटक में भी म्यूकोरमाइकोसिस के मामले देखने को मिल रहे हैं। बंगलूरू में पिछले दो हफ्तों में इस बीमारी के 38 मामले सामने आए हैं। इस बीमारी से संक्रमित मरीजों की देखभाल के लिए अस्पतालों में एक विशेष व्यवस्था बनाई गई है।

6- तेलंगाना

हैदराबाद में भी ब्लैक फंगस के 60 के करीब मामले सामने आ चुके हैं। यहां हैरान करने वाली बात यह है कि इनमें से लगभग 50 मामले एक महीने के अंदर जुबली हिल्स स्थित अपोला अस्पताल में सामने आए हैं।

 

 

म्यूकोरमाइकोसिस क्या है?

अमेरिका के सीडीसी के अनुसार, म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस एक दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है। लेकिन ये गंभीर इंफेक्शन है, जो मोल्ड्स या फंगी के एक समूह की वजह से होता है। ये मोल्ड्स पूरे पर्यावरण में जीवित रहते हैं। ये साइनस या फेफड़ों को प्रभावित करता है।

कोरोना वायरस से ठीक होने के दो-तीन दिन बाद म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई देते हैं। कोरोना से ठीक होने के दो-तीन दिन बाद पहले ये संक्रमण साइनस में दिखता है और उसके बाद आंख तक जाता है। वहीं अगले 24 घंटे में ये फंगस दिमाग तक हावी हो सकता है।

 

सबसे ज्यादा किसको खतरा?

जानकारों का कहना है कि कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को इसका ज्यादा खतरा रहता है। डायबिटीज वाले रोगियों पर भी इसका खतरा ज्यादा हो सकता है और जिनके साथ स्वास्थ्य समस्याएं हैं, वो इसके लिए चपेटे में आ सकते हैं। ये सामान्य तौर पर उन मरीजों में ज्यादा देखा जा रहा है, जो कोरोना से ठीक हुए हैं और जिन्हें पहले से कोई बीमारी थी।

म्यूकोरमाइकोसिस के लक्षण कैसे होते हैं?

तेज सरदर्द और आंखों में लालपन इसके दो सामान्य लक्षण हैं।

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