उत्तराखंड

मक्कूमठ से होगी तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की डोली रवाना..

वनाच्छादित होने के कारण डोली पैदल मार्ग से होगी रवाना..

दो दिनों तक भूतनाथ मंदिर में होगा डोली का रात्रि प्रवास..

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली शुक्रवार को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ से धाम के लिए रवाना होगी और डोली गमन का पैदल मार्ग का अधिक भूभाग वनाच्छादित होने के कारण डोली इस बार भी पैदल मार्ग से जायेगी। 16 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली विभिन्न यात्रा पड़ावों से होते हुए रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी और 17 मई को डोली के धाम पहुंचने पर भगवान तुंगनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेंगें। बृहस्पतिवार को तहसील प्रशासन, तीर्थ पुरोहित समाज, जनप्रतिनिधियों व हक-हकूकधारियो की मौजूदगी में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि शुक्रवार को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ से धाम के लिए रवाना होगी।

 

रात्रि प्रवास के लिए भूतनाथ मन्दिर पहुंचेगी और डोली के भूतनाथ मन्दिर पहुंचने पर दशकों से चली आ रही परम्परा के अनुसार सिर्फ पांच भक्तों द्वारा नये अनाज का भोग अर्पित किया जायेगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि डोली के हिमालय रवाना होने पर तहसील प्रशासन से मिली अनुमति के अनुसार ही लोग शामिल हो सकेंगे तथा मिनी लाॅकडाउन का सख्ती से पालन किया जायेगा। यह भी निर्णय लिया गया कि शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ से तुंगनाथ धाम तक का पैदल मार्ग अधिक वनाच्छादित होने के कारण डोली इस बार भी पैदल मार्ग से धाम पहंचेगी।

 

इस दौरान गांव में बाहरी व्यक्तियों का गांव आगमन प्रतिबंधित रहेगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि 14 व 15 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भूतनाथ मंदिर में रात्रि प्रवास करेगी तथा 16 मई को भूतनाथ मन्दिर से धाम के लिए रवाना होगी तथा 17 मई को डोली के धाम पहुंचने पर लगनानुसार भगवान तुंगनाथ के कपाट ग्रीष्म काल के लिए खोल दिये जायेगें।

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