उत्तराखंड

भारी बारिश से थमी चारधाम यात्रा की रफ्तार, श्रद्धालुओं की संख्या में आई पांच गुना गिरावट..

भारी बारिश से थमी चारधाम यात्रा की रफ्तार, श्रद्धालुओं की संख्या में आई पांच गुना गिरावट..

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने चारधाम यात्रा की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। खराब मौसम और मार्गों पर भूस्खलन की आशंका के चलते श्रद्धालु अब चारधाम की ओर कम रुख कर रहे हैं। बीते दो सप्ताह के भीतर चारधाम और हेमकुंड साहिब में दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या में पांच गुना तक गिरावट दर्ज की गई है। वर्तमान में यमुनोत्री धाम की यात्रा बीते पांच दिनों से पूरी तरह रुकी हुई है, जबकि केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और हेमकुंड साहिब की यात्रा सीमित सुरक्षा उपायों के साथ संचालित की जा रही है। मौसम विभाग द्वारा लगातार अलर्ट जारी किए जा रहे हैं, जिसके कारण प्रशासन श्रद्धालुओं को सतर्कता बरतने की सलाह दे रहा है। चारधाम यात्रा पर निर्भर स्थानीय व्यापारियों और होटल व्यवसायियों की चिंता भी बढ़ गई है। पर्यटन विभाग के अनुसार पिछले वर्षों की तुलना में जुलाई के पहले सप्ताह में यात्रियों की संख्या में अप्रत्याशित गिरावट देखी गई है।

पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 20 जून तक चारधाम और हेमकुंड साहिब में दैनिक दर्शनार्थियों की संख्या 70 हजार से अधिक थी। लेकिन मानसून के सक्रिय होते ही यह संख्या पांच गुना तक कम हो गई है। खासतौर पर यमुनोत्री धाम की यात्रा बीते पांच दिनों से पूरी तरह से रुकी हुई है। वहीं केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और हेमकुंड साहिब की यात्रा फिलहाल संचालित है, लेकिन सावधानी और सीमित अनुमति के साथ। चारधाम यात्रा मार्गों पर जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे आवाजाही में मुश्किलें पैदा हो रही हैं। प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें लगातार हालात पर नजर रखे हुए हैं और मार्ग बहाली का कार्य जारी है।

मौसम की स्थिति में सुधार के बाद प्रदेश सरकार ने यात्रा पर से रोक तो हटा दी, लेकिन धामों में श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। तीन जुलाई को चार प्रमुख धामों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और हेमकुंड साहिब में कुल मिलाकर महज 13 हजार से कुछ अधिक तीर्थयात्री ही दर्शन के लिए पहुंचे, जबकि सामान्य दिनों में यह संख्या 60-70 हजार प्रतिदिन तक रहती थी। यमुनोत्री धाम की स्थिति सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां 29 जून से यात्रा पूरी तरह रुकी हुई है। मार्गों पर भूस्खलन और चट्टानें गिरने के कारण प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए अब तक यात्रा शुरू नहीं की है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग यात्रा मार्गों की निगरानी में जुटे हैं, और ज़रूरत के अनुसार एसडीआरएफ तथा अन्य एजेंसियां सक्रिय हैं। यात्रा में आई गिरावट का सीधा असर स्थानीय कारोबारियों, होटल संचालकों और वाहन चालकों पर पड़ा है। पर्यटन विभाग के मुताबिक लगातार घटती संख्या ने यात्रा से जुड़े कई हितधारकों की चिंता बढ़ा दी है।

 

 

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