डिग्री कॉलेजों में प्रोफेसर-छात्रों की हाजिरी के लिए जियोफेंसिंग सिस्टम आएगा..
दूरस्थ, पहाड़ी स्थानों में स्थित डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए पहुँच सुनिश्चित करने के लिए एक जियो-फेंसिंग उपस्थिति प्रणाली लगाई जाएगी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर उच्च शिक्षा विभाग जल्द ही इसे शुरू करेगा। इस पद्धति का उपयोग अंततः पूरे राज्य में किया जाएगा।
उत्तराखंड: दूरस्थ, पहाड़ी स्थानों में स्थित डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए पहुँच सुनिश्चित करने के लिए एक जियो-फेंसिंग उपस्थिति प्रणाली लगाई जाएगी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर उच्च शिक्षा विभाग जल्द ही इसे शुरू करेगा। इस पद्धति का उपयोग अंततः पूरे राज्य में किया जाएगा। आपको बता दे कि प्रदेश के तमाम दुर्गम इलाकों के डिग्री कॉलेज ऐसे हैं, जहां शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति का आंकड़ा काफी कमतर रहता है। महीने में कुछ दिन जाकर शिक्षक अपनी हाजिरी पूरी कर लेते हैं। इस समस्या का समाधान करने के लिए ही जियो फेंसिंग हाजिरी सिस्टम लागू करने की तैयारी है।
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, उच्च शिक्षा विभाग के साथ मिलकर इस दिशा में काम करेगा। इस नीति के तहत कोई भी शिक्षक या छात्र जो कॉलेज परिसर में प्रवेश करता है, उसकी उपस्थिति केवल उसके मोबाइल डिवाइस के माध्यम से ली जाएगी। इसके लिए आपको मोबाइल जियो फेंस के दायरे में आना होगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहाड़ के कुछ डिग्री कॉलेजों में इसकी शुरुआत होगी। अगर यह सफल रहा तो सभी कॉलेज इसका इस्तेमाल करेंगे। इससे पहले परिवहन निगम अपने सभी बस अड्डों पर इसे लागू कर चुका है, जिसके तहत बस अड्डों की जियो फेंसिंग की गई है।
क्या होता है जियो फेंसिंग..
यह सैटेलाइट आधारित प्रणाली है, जिसमें एक विशेष क्षेत्र की जियो फेंसिंग यानी बाउंड्री बना दी जाती है। इस दायरे में जो भी डिवाइस आएगी, वह रिकॉर्ड में आ जाएगी। जियो फेंसिंग के भीतर आने पर ही मोबाइल का वह ऐप काम करेगा जो कि इससे संबंधित होता है।
कैसे लगेगी हाजिरी..
आपको बता दे कि जब कोई छात्र या शिक्षक अपने मोबाइल के साथ कैंपस में प्रवेश करेंगे तो उन्हें इसमें डाउनलोड किया गया हाजिरी का ऐप खोलना होगा। यह ऐप केवल कॉलेज के भीतर यानी जियो फेंसिंग दायरे में आने पर ही काम करेगा। इस ऐप को खोलने के बाद एक ओटीपी उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आएगा। इसे फीड करेंगे तो ही हाजिरी लग सकेगी। जैसे ही छात्र, शिक्षक उस कैंपस से बाहर जाएंगे तो उनका रिकॉर्ड स्वत: ही अपडेट हो जाएगा।
