हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद आज तय हो सकती है चारधाम यात्रा शुरू होने की तारीख..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा पर निर्णय उच्च न्यायालय में सुनवाई के बाद हो सकता है। कोरोना महामारी की रोकथाम में राज्य सरकार के प्रबंधों को लेकर एक जनहित याचिका पर न्यायालय में सुनवाई है। राज्य सरकार को अदालत के सामने अपना पक्ष रखना है। न्यायालय चारधाम के कपाट खुलने के समय कोविड 19 महामारी की गाइडलाइन का कायदे से पालन न होने पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुका है। कोर्ट में मामला होने की वजह से ही सोमवार को प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा खोलने को लेकर अपने कदम पीछे खींचे।
वरना सरकार ने चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के स्थानीय लोगों के लिए अपने-अपने जिलों में स्थित बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के सशर्त दर्शन की अनुमति दे दी थी। साथ ही सभी यात्रियों के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य कर दी थी।
कोविड कर्फ्यू पर निर्णय लेने वाली कमेटी ने इस संबंध में पर्यटन विभाग को अपने स्तर पर मानक प्रचालन प्रक्रिया जारी करने को कह दिया था। लेकिन सचिव पर्यटन ने कहा कि 16 जून को अदालत में सुनवाई है। सरकार ने निर्णय रोक दिया। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल का कहना हैं कि न्यायालय में मामला विचाराधीन होने के कारण चारधाम यात्रा पर फैसला रोका गया है। उनियाल के अनुसार 16 जून के बाद चारधाम यात्रा के भावी स्वरूप तय होगा।
नई गाइड लाइन के साथ जल्द शुरू होगी चारधाम यात्रा..
बद्रीनाथ विधानसभा के विधायक और देवस्थानम बोर्ड के सदस्य महेंद्र भट्ट का कहना है कि जल्द ही चारधाम यात्रा शुरू कर दी जाएगी। यात्रा के लिए नई गाइड लाइन तैयार की जा रही है। विधायक ने कहा कि चारधाम यात्रा रूटों के व्यापारियों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। उन्हें कुछ राहत देने के लिए मुख्यमंत्री से बात की है। कुछ शर्तों के साथ ही सही पर यात्रा को जल्दी खोल दिया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जिले के 38 गांव ऐसे हैं, जो खतरे की जद में हैं। लेकिन पुनर्वास की श्रेणी में नहीं हैं, सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद उनको भी पुनर्वास की श्रेणी में रखा जाएगा।
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