आज सुबह डोली तुंगनाथ धाम के लिए हुई रवाना..
डोली के धाम पहुंचने पर खोले जायेंगे कपाट..
रुद्रप्रयाग: तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अंतिम रात्रि प्रवास के लिए मिनी स्वीटजरलैंड के नाम से विश्व विख्यात चोपता पहुंची। आज भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से प्रस्थान कर विभिन्न सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य कर तुंगनाथ धाम पहुंचेगी और डोली के धाम पहुंचने पर भगवान तुंगनाथ के कपाट सादगी से खोले जायेंगें। शासन द्वारा मिनी लाॅकडाउन की गाइडलाइन जारी करने से सीमित श्रद्धालु डोली की अगुवाई कर रहे हैं तथा कपाट खुलने के बाद तुंगनाथ धाम में देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारी, कर्मचारी व तीर्थ पुरोहित सीमित संख्या में रहेंगे।
रविवार को भूतनाथ मन्दिर में विद्वान आचार्यों ने बह्म बेला पर पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजाएं संपंन कर भगवान तुंगनाथ की भोग उत्सव मूर्तियों का रूद्राभिषेक कर आरती उतारी और भोग मूर्तियों को डोली में विराजमान कर डोली का विशेष श्रृंगार कर पुनः आरती उतारी। ठीक दस बजे भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने धाम के लिए प्रस्थान किया तथा डोली के पाबजगपुड़ा गांव पहुंचने पर भक्तों ने अघ्र्य लगाकर अपने घरों से हाथ जोड़कर डोली को कैलाश के लिए विदा किया। भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली, चिलियाखोड, पंगेर बनियाकुण्ड होते हुए देर सांय अंतिम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंची।
सोमवार को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से प्रस्थान कर पैदल मार्ग के सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए धाम पहुंचेगी और डोली के धाम पहुंचने पर भगवान तुंगनाथ के कपाट विधि-विधान से ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेंगे। इस मौके पर प्रधान विजयपाल नेगी, क्षेपस जयवीर सिंह नेगी, मठापति राम प्रसाद मैठाणी, प्रबन्धक प्रकाश पुरोहित, प्रकाश चन्द्र मैठाणी, सुरेन्द्र प्रसाद मैठाणी, विजय भारत मैठाणी, विनोद मैठाणी, अजय मैठाणी, अतुल मैठाणी, बलवीर सिंह नेगी, नरेन्द्र सिंह भण्डारी, जीतपाल भण्डारी, उमेद सिंह नेगी, चन्द्रमोहन बजवाल मौजूद थे।