उत्तराखंड

आठ किमी पैदल चलकर बच्छणस्यूं के पाटा गांव पहुंचे युवा नेता मोहित डिमरी..

कभी भी जमींदोज हो सकता है बच्छणस्यूं का पाटा गांव..

खतरे की जद में गांव के 20 परिवार..

भूस्खलन से बिजली के ट्रांसफार्मर को बना है खतरा..

 

 

 

रुद्रप्रयाग: भूस्खलन के चलते बच्छणस्यूं पट्टी का पाटा गांव कभी भी जमींदोज हो सकता है। यहां आवासीय बस्ती और गौशालाओं को खतरा उत्पन्न हो गया है। लेकिन अभी तक गांव की सुरक्षा हेतु किसी तरह के सुरक्षात्मक उपाय नहीं किये गए हैं। वहीं स्थानीय लोगों की समस्या को देखते हुए उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी सड़क बाधित होने पर आठ किमी पैदल चलकर पाटा गांव पहुंचे। उन्होंने पाटा गांव में हो रहे भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया।

 

उन्होंने कहा किस्यूणी-टैंठी-पाटा मोटरमार्ग के निर्माण के चलते भूस्खलन की समस्या उत्पन्न हुई है। पिछले वर्ष से यहां भूस्खलन हो रहा है, लेकिन अभी तक किसी तरह का ट्रीटमेंट नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि भूस्खलन से पाटा गांव के 20 परिवार खतरे की जद में आ गए हैं। ग्रामीणों की गौशालाएं खतरे की जद में आ गई हैं। बिजली के पोल और ट्रांफार्मर कभी भी ढह सकते हैं। युवा नेता मोहित डिमरी ने जिलाधिकारी और नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड (एनपीसीसी) के अधिकारियों को पूरी घटना से अवगत कराया और मांग की कि जल्द यहां लर सुरक्षात्मक उपाय किये जाएं।

 

ग्राम प्रधान पुष्पा देवी ने कहा कि इस वर्ष हुई भारी बारिश के बाद भूस्खलन तेजी से हो रहा है। इसके बावजूद सुरक्षा दीवार का निर्माण नहीं किया जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता हरीश कुमार, लाल सिंह बिष्ट, सुरेंद्र बिष्ट, हरेंद्र नेगी, रतन सिंह, प्रह्लाद बिष्ट, सुरेंद्र बिष्ट, दिनेश बिष्ट, लाल सिंह नेगी, विनती लाल, झंकारु लाल, नारायण बिष्ट, मनवर बिष्ट, अवतार बिष्ट, उम्मेद नेगी, वीर सिंह बिष्ट, अर्जुन बिष्ट, जसपाल लाल का कहना है कि कई बार सम्बंधित विभाग से शिकायत के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। हमारे पुस्तैनी घर कभी भी ढह सकते हैं।

 

मवेशियों को भी खतरा उत्पन्न हो गया है। पशुओं से ही हमारी आजीविका चलती है। तेजी से हो रहे भूस्खलन के कारण हमारे सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि पशुओं को लेकर जाएं तो जाएं कहाँ। रहने के लिये भी कोई दूसरा ठिकाना नहीं है। वहीं पाटा गांव के भीम सिंह बिष्ट, बुद्धि सिंह, रणवीर सिंह, शेर सिंह, बीरेंद्र सिंह, बीरेंद्र लाल का कहना है कि भूस्खलन से उनके आवासीय भवनों को खतरा बना हुआ है।

 

 

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top