उत्तराखंड

बसुकेदार आईटीआई शुरू न होने पर आंदोलन की चेतावनी..

जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन..

युवाओ का भविष्य बर्बाद करना चाहती है सरकार..

 

 

 

रुद्रप्रयाग। बसुकेदार में दो वर्ष से बंद आईटीआई के दोबारा संचालित न होने पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। इस संबंध में जनप्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। स्थानीय युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा देने के उद्देश्य से वर्ष 2015 में बसुकेदार में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) की स्थापना हुई थी। मैकेनिकल और फीटर ट्रेड से शुरू हुआ यह संस्थान 2019 में बंद कर दिया गया है।

 

ऐसा भी नहीं है कि यहां प्रशिक्षण लेने स्थानीय युवा नहीं पहुंच रहे थे। पूरी सीटें भरी होने के बावजूद आईटीआई को बंद किया गया। आईटीआई के लिए डालसिंगी के ग्रामीणों ने अपनी जमीन भी निःशुल्क दी है। जिस पर निर्माण कार्य भी शुरू हो गया था। लेकिन अचानक निर्माण कार्य भी बंद कर दिया गया।

 

प्रधान संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष विजयपाल राणा, उपाध्यक्ष ग्राम प्रधान नैनी-पौंडार राजेश बिष्ट, क्षेत्र पंचायत सदस्य लीना देवी, प्रधान डालसिंगी आशा देवी, प्रधान कौशलपुर पुष्पा देवी, सामाजिक कार्यकर्ता बलबीर राणा, प्रदीप राणा, मंगल सिंह नेगी, सज्जन सिंह नेगी, पूर्वी बांगर विकास समिति अध्यक्ष आरती भंडारी, एसएस भंडारी, पूर्व प्रधान उमेद सिंह नेगी, प्रधान डांगी संध्या देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य उम्मेद सिंह, प्रधान भुनालगांव कैलाश बैरवान, प्रधान बक्सीर पिंकी देवी, प्रधान मथ्या गावँ सज्जन सिंह नेगी, उछोला प्रधान सौकार सिंह, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष आलोक नेगी, सामाजिक कार्यकर्ता देवी ध्यानी, शैलेन्द्र ध्यानी, दर्शन सिंह, महावीर सिंह का कहना है कि विकास की दृष्टि से यह क्षेत्र पिछड़ा हुआ है।

 

आईटीआई के स्थापित होने से स्थानीय युवाओं को एक उम्मीद की किरण जगी थी। अधिकतर लोग गरीब होने के चलते अपने बच्चों को इंटरमीडिएट के बाद पढ़ाने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने आईटीआई बंद करके बच्चों का भविष्य चैपट कर दिया है। अगर जल्द आईटीआई शुरू नहीं हुआ तो स्थानीय लोगों को आन्दोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

 

 

 

युवाओ का भविष्य बर्बाद करना चाहती है सरकारः मोहित..

उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि सरकार व्यावसायिक संस्थानों को लगातार बंद कर रही है। ऐसे में युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है। आईटीआई रोजगार का बहुत बड़ा आधार है। रुद्रप्रयाग जनपद में चिरबिटिया, बसुकेदार और अगस्त्यमुनि आईटीआई को बंद कर दिया गया है।

 

आईटीआई से स्थानीय युवाओं को लाभ मिल रहा था। लेकिन अब गरीब बच्चों के सामने कई तरह के संकट खड़े हो गए हैं। सरकार ने बंद पड़े आईटीआई को दोबारा शुरू नहीं किया तो स्थानीय जनता को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के संघर्ष में उत्तराखंड क्रांति दल साथ खड़ा है।

 

 

 

 

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