उत्तराखंड

डबल इंजन की सरकार के बावजूद नहीं मिला सैनिक स्कूल के निर्माण को बजट..

जनता को गुमराह कर रही है भाजपा सरकार..

सैनिक स्कूल निर्माण को लेकर ग्रामीण छेड़ेंगे आंदोलन, उपवास पर बैठेंगे यूकेडी नेता डिमरी..

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। जिले के अन्तर्गत बड़मा पट्टी के थाती-दिग्धार में सैनिक स्कूल निर्माण को लेकर केन्द्र व राज्य सरकार ने बजट देने से साफ इंकार कर दिया है। ऐसे में क्षेत्रीय ग्रामीणों के साथ ही कांग्रेस व उक्रांद में सरकार के खिलाफ आक्रोश पैदा हो गया है। ऐसे में उन्होंने आंदोलन छेड़ने का मन बना लिया है। वहीं उक्रांद नेता मोहित डिमरी सैनिक स्कूल का निर्माण कार्य शुरू कराने की मांग को लेकर 17 अक्टूबर को निर्माण स्थल थाती-दिग्धार में उपवास पर बैठेंगे।

दरअसल, वर्ष 2012-13 में दिग्धार बड़मा में सैनिक विद्यालय की स्थापना की घोषणा की गई थी। 2014 में उसके प्रारंभिक व्यय के लिए 10.00 करोड़ (दस करोड़) रुपए की धनराशि उपलब्ध कराकर निर्माण कार्य आरंभ भी करवा दिया गया था, जो 2016 में हुए राजनीतिक उथल-पुथल के बाद से ठप पड़ गया। इसमें थाती-बड़मा गांव के लोगों द्वारा चार हैक्टेयर उपजाऊ कृषि भूमि तथा 12.4 हैक्टेयर ग्राम समाज की वन भूमि और गौचर-पनघट की भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराई गई थी। उस भूमि पर अधूरा कार्य हुआ है और लोगों द्वारा दी गई भूमि बंजर पड़ी हुई है। इसके विपरीत उस विद्यालय को अन्यत्र स्थानांतरित करने का दुष्प्रचार किया जा रहा है, जिससे लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है।

सैनिक स्कूल के नाम पर दस करोड़ रुपए की धनराशि खर्च होने के बावजूद एक दीवार और टूटी-फूटी सड़क के सिवाय कुछ भी काम नहीं हो पाया है। सैनिक स्कूल के निर्माण के लिए ग्रामीणों द्वारा दी गई करीब 13 सौ नाली भूमि भी बर्बाद हो गई है। स्थिति यह है कि सैनिक स्कूल भी नहीं बना और काश्तकारों की जमीन खेती के लायक भी नहीं रही। ग्रामीणों का आरोप है कि सैनिक स्कूल के निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है। कार्यकारी संस्था उत्तर प्रदेश निर्माण निगम ने 10 करोड़ रूपये की धनराशि से दिग्धार में खानापूर्ति के लिए जमीन समतलीकरण, दीवाल और डेढ़ किलोमीटर कच्ची सड़क का ही निर्माण किया है। स्थानीय लोगों को सैनिक स्कूल निर्माण से विकास की उम्मीद जगी थी। सैनिक स्कूल के लिए उन्होंने अपनी सिंचित जमीन तक दे दी थी। अब उनके पास खेती के लिए जमीन भी नहीं बची।

 

 

पूर्व कैबिनेट मंत्री मातबर सिंह कंडारी, कांग्रेस पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी, स्थानीय ग्रामीण कालीचरण रावत ने कहा कि सैनिक स्कूल के निर्माण के नाम पर भाजपा सरकार जनता को गुमराह कर रही है। डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद केंद्र सरकार ने बजट देने से इनकार कर दिया है। वहीं उक्रंाद के जिला प्रवक्ता मोहित डिमरी ने कहा कि अब तक निर्माण कार्यों में हुए घोटालों की निष्पक्ष जांच की जाये और सारे तथ्य जनता के सामने लाये जायें। हमारी मांग है कि सैनिक स्कूल के निर्माण के लिये पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था सरकार शीघ्र करे। साथ ही सैनिक विद्यालय के भवनों एवं अन्य निर्माण कार्यों के लिये एक निश्चित समयावधि निर्धारित की जाय।

 

निर्माण कार्य किसी सक्षम एवं विश्वसनीय कार्यदायी संस्था को सौंपे जाये। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता तथा समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए विद्यालय स्तर पर एक समिति गठित की जाय, जिसमें तकनीकी व प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा स्थानीय ग्रामीणों द्वारा मनोनीत एक जनप्रतिनिधि भी सम्मिलित हो। उक्रांद युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि वह सैनिक स्कूल का निर्माण कार्य शुरू कराने की मांग को लेकर 17 अक्टूबर को निर्माण स्थल थाती-दिग्धार में उपवास पर बैठेंगे।

 

 

 

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