जबरन आंदोलन को खत्म करने की कोशिश करने पर होगा अनिश्चिकालीन घेराव…
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ के तीर्थपुरोहित समाज के प्रतिनिधिमंडल ने तहसील प्रशासन के माध्यम से देवस्थानम बोर्ड व मास्टर प्लान को भंग करने की मांग का ज्ञापन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को प्रेषित किया। साथ ही चेतावनी दी कि अगर, उनके आंदोलन को जबरन खत्म करने की कोशिश की गई तो वे जनांदोलन के रूप में तहसील में अनिश्चितकालीन घेराव के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने शासन, प्रशासन पर तीर्थपुरोहितों की अनदेखी का आरोप भी लगाया।
बुधवार को केदार सभा के महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती के नेतृत्व में तीर्थपुरोहित समाज के प्रतिनिधिमंडल तहसील ऊखीमठ पहुंचा। यहां प्रशासनिक अधिकारियों से भेंटवार्ता के बाद उन्होंने प्रशासन के माध्यम से ज्ञापन भेजा, जिसमें तीर्थपुरोहितों एवं हक-हकूकधारियों को बिना विश्वास में लिए बगैर देवस्थानम बोर्ड का गठन करने की बात कही गई है। कहा कि वे लोकतांत्रिक व शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन कर रहे हैं। बावजूद, शासन, प्रशासन ने अभी तक उनकी सुध लेना जरूरी नहीं समझा है। कहा कि अगर, प्रशासन ने उन्हें जबरन हटाने या धरने से उठाने का प्रयास किया तो समस्त केदारघाटी की जनता के साथ वे तहसील मुख्यालय का घेराव के लिए बाध्य होंगे।
इसके बाद तीर्थपुरोहितों का प्रतिनिधिमंडल किमाणा गांव स्थित भोलेश्वर मंदिर पहुंचा। जहां पर उन्होंने देवस्थानम बोर्ड के विरोध में अर्धनग्न होकर बीते चार दिन से धरना दे रहे आचार्य संतोष त्रिवेदी के समर्थन में नारेबाजी करते हुए क्रमिक धरना दिया। इस मौके पर राजकुमार तिवारी, पूर्व जिपं सदस्य केशव तिवारी, विजेंद्र शर्मा, धीरेंद्र शुक्ला, अनसूया प्रसाद तिवारी, रमाकांत शर्मा, प्रदीप त्रिवेदी, कमल तिवारी, प्रियांशु तिवारी, पूर्व नपं अध्यक्ष रीता पुष्पवाण, तेज प्रकाश पोस्ती आदि तीर्थपुरोहित मौजूद थे।