उत्तराखंड

कर्मचारी-शिक्षकों ने फूंका आंदोलन का बिगुल..

विकास भवन कार्यालय परिसर में दिया एक दिवसीय धरना..

पांच अक्टूबर को देहरादून में हुंकार रैली का आयोजन..

 

 

रुद्रप्रयाग:  उत्तराखण्ड अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक समन्वय समिति ने 18 सूत्रीय मांगों को लेकर विकास भवन रुद्रप्रयाग में एक दिवसीय धरना दिया। कर्मचारियों ने कहा कि मांगों को लेकर लम्बे समय से आंदोलन किया जा रहा है, लेकिन सरकार उनकी सुनने को तैयार नहीं है। अब समिति की ओर से आंदोलन का बिगुल फूंक दिया गया है। समिति के पदाधिकारियों ने मांगों के निराकरण को लेकर डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भी भेजा।

सोमवार को अधिकारी, कर्मचारी एवं शिक्षक विकास भवन परिसर में एकत्र हुए और प्रदेश नेतृत्व के आहवान पर समिति के बैनर तले 18 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया। समिति के मुख्य संयोजक एमएस पटवाल एवं बुद्धिपाल सिंह रावत ने कहा कि लम्बे समय से मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। समिति की एक भी मांग पर सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है। ऐसे में कर्मचारी-शिक्षकों में आक्रोश बना हुआ है। कहा कि उनकी मांग है कि प्रदेश के समस्त राज्य कार्मिक, शिक्षक, निगम, निकाय, पुलिस कार्मिकों को पूर्व की भांति 10, 16, 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाय।

 

राज्य कार्मिकों के लिए निर्धारित गोल्डन कार्ड की विसंगतियों का निराकरण कर केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति सीजीएचएस की व्यवस्था प्रदेश में लागू की जाय। प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर उच्च कोटि के समस्त अस्पतालों को अधिकृत किया जाय और सेवानिवृत्त कार्मिकों से निर्धारित में 50 प्रतिशत कटौती कम की जाय।

 

इसके साथ पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि में पूर्व की भांति शिशिलीकरण की व्यवस्था की जाय। केन्द्र सरकार भांति प्रदेश के कार्मिकों के लिए 11 प्रतिशत महंगाई भत्ते की घोषणा, प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू, मिनिस्ट्रियल संवर्ग में कनिष्ठ सहायकके पद की शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएड के स्थान पर स्नातक करने एवं एक वर्षीय कम्प्यूटर ज्ञान अनिवार्य किये जाने सहित अन्य मांगे हैं।

 

जिन पर सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की है। कहा कि सरकार के खिलाफ समिति आंदोलन का बिगुल फूंक चुकी है। 27 सितम्बर को देहरादून में सहस्त्रधारा रोड़ एकता बिहार स्थित धरना स्थल पर एक दिवसीय प्रदेश स्तरीय धरना एवं प्रदर्शन किया जायेगा। इसके बाद पांच अक्टूबर को प्रदेश स्तरीय हुंकार रैली आयोजित की जायेगी और उसी दिन आगामी अनिश्चितकालीन आंदोलन की घोषणा की जायेगी। इस मौके पर दयाल सिंह राणा, अर्जुन रावत, धनंजय भट्ट, कुशलानंद भट्ट, कमल सिंह राणा, मनोज कुमार, देवेश देवशाली, राजेन्द्र सिंह नेगी, जगदीश चन्द्र टम्टा, अरूणा राणा, अर्चना पुंडीर सहित कई मौजूद थे।

 

 

 

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