पर्वतीय क्षेत्रों में मुसीबत बनी बर्फ की सफेद चादर..
उत्तराखंड: इन दिनों कोरोना के साथ सर्दी का मौसम भी चरम पर है। पहाड़ों पर चमकीली चादर नजर आने लगी है। यही वो वक्त है, जब पहाड़ का सौंदर्य निखरकर सामने आता है। जिसे करीब से निहारने को पर्यटक वर्षभर बेताब रहते हैं। पर्यटकों की लगातार बढ़ती आमद और क्रिसमस और नए वर्ष के लिए होटलों में हुई बुकिंग भी यही बता रही है, लेकिन इस तस्वीर का दूसरा पहलू भी है।
बर्फ की जो चमकीली चादर पर्यटकों को रोमांचित करती है, वह पहाड़ के लिए पीड़ा भी है। यह पीड़ा है बंद रास्तों की और पानी की। अलग राज्य बनने के 20 वर्ष बाद भी पहाड़ के सैकड़ों गांव पानी की लाइन से महरूम हैं। कहीं तो पानी के लिए रोजाना कई किलोमीटर का सफर करना पड़ता है। हिमपात होने पर यह सफर और मुश्किल हो जाता है। अब सरकार के जल जीवन मिशन से जरूर कुछ उम्मीद जगी है।
उत्तराखंड के तमाम इलाके बर्फ की मोटी चादर के नीचे ढके हुए हैं. ये वही खूबसूरत नजारा है, जिसके लिए उत्तराखंड काफी मशहूर है।बारिश और बर्फ़बारी से आबादी वाले क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। लेकिन बर्फबारी का दीदार करने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक औली भी पहुंच रहे हैं।