उत्तराखंड

द्वितीय केदार मदमहेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद..

द्वितीय केदार मदमहेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद..

 

 

 

 

 

 

 

सुबह 8.30 बजे विधि-विधान से द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। बाबा मदमहेश्वर की चल उत्सव विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के लिए प्रस्थान करते हुएपहले पड़ाव गौंडर पहुंचेगी।

 

 

 

 

 

उत्तराखंड: सुबह 8.30 बजे विधि-विधान से द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। बाबा मदमहेश्वर की चल उत्सव विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के लिए प्रस्थान करते हुएपहले पड़ाव गौंडर पहुंचेगी। ओंकारेश्वर मंदिर में 21 नवंबर को डोली छह माह की शीतकालीन पूजा अर्चना के लिए विराजमान हो जाएगी। इस वर्ष की यात्रा के दौरान भगवान मद्महेश्वर दर्शन के लिए 8000 से अधिक तीर्थयात्री धाम पहुंचे थे। द्वितीय केदार मद्महेश्वर की चल उत्सव विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी और रात्रि प्रवास के लिए पहले पड़ाव गौंडार पहुंचेगी।

 

बता दे कि 19 को रांसी में प्रवास होगा और 21 नवंबर को डोली ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में छह महीने के लिए विराजमान हो जाएगी। मद्महेश्वर की डोली के आगमन को लेकर श्रीबद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने ओंकारेश्वर मंदिर को भव्य रूप से सजाया है। मंदिर के पुजारी शिव शंकर लिंग का कहना हैं कि बाबा मद्महेश्वर की डोली मंदिर की परिक्रमा व अपने भंडार और पात्रों का निरीक्षण भी करेगी। श्रीबद्रीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति के कार्याधिकारी रमेश चंद्र तिवारी का कहना हैं कि मद्महेश्वर डोली आगमन के लिए ओंकारेश्वर मंदिर को भव्य रूप से सजाया जा रहा है। इसके साथ ही डोली आगमन पर मनसूना में तीन दिवसीय मेला का आयोजन होगा।

 

 

 

 

 

 

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