उत्तराखंड

उत्तराखंड में बारिश का कहर- कुमाऊं में मलबे की चपेट में आकर अब तक छह की मौत..

उत्तराखंड में बारिश का कहर- कुमाऊं में मलबे की चपेट में आकर अब तक छह की मौत..

भूस्खलन से मलबे में दबे दो बच्चों की मौत..

 

 

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में बारिश कहर बनकर बरस रही है। कुमाऊं में बारिश के कारण मलबे में दबकर अभी तक छह लोगों की मौत हो चुकी है। मंगलवार सुबह  नैनीताल जिले के धारी ब्लाक के चौखुटा गांव में बारिश के दौरान मजदूरों की झोपड़ी पर रिटेनिंग दीवार गिर गई। इस दौरान सात मजदूर मलबे में दब गए। जिसमें से दो के शव बरामद कर लिए गए हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है। उधर, खैरना में झोपड़ी में पत्थर गिरने से दो लोगों की मौत की खबर है।

 

वही अल्मोड़ा के भिकियासैंण में भी एक मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया। इस दौरान दो बच्चे मलबे में दब गए। जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं। जानकारी मिलने पर एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू शुरू कर दिया है। उधर, बाजपुर में लेवड़ा नदी उफान पर आ गई। जिससे मुख्य बाजार और कॉलोनियों में बाढ़ का पानी भर गया। पानी भरने से लोगों के घरों का सामान भी पूरी तरह खराब हो गया है। वहीं, बाजपुर में भी बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।

 

वही गरमपानी में भारी बारिश के चलते हाइवे के निर्माणधीन कंपनी के दो मजदूरो की टिन शेड में आए मलबे में दबने से मौत हो गई। एनएच में चौड़ीकरण की देखरेख कर रहे तैयब खान का कहना हैं कि हादसे में हसमूद (40) और इमरान (34) निवासी भोजीपुरा बरेली यूपी की दबकर मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने पर तहसीलदार बरखा ने दोनों की मौत की पुष्टि की है।

 

 

 

खतरे के निशान से ऊपर बह रही कोसी नदी..

कोसी नदी में पानी बढ़ने से रामनगर के गर्जिया मंदिर को खतरा पैदा हो गया। पानी मंदिर की सीढ़ियों तक पहुंच गया है। वहीं बैराज के सभी फाटक खोल दिए गए हैं। कोसी बैराज पर कोसी नदी का जलस्तर 139000 क्यूसेक है। जो खतरे के निशान से काफी ऊपर है। कोसी बैराज में खतरे का निशान 80000 क्यूसेक है।

 

उधर, हल्द्वानी में गोला नदी उफान पर आने से नदी पर बना अप्रोच पुल टूट गया। जिसके कारण वहां आवाजाही बंद हो गई है। टनकपुर में शारदा नदी के उफान से क्रशर मार्ग ने नाले का रूप ले लिया है। मंगलवार की सुबह गोला नदी का जलस्तर 90 हजार क्यूसेक पार हो गया। जिससे अप्रोच पुल टूट गया।

 

सूचना पर प्रशासन और एनएचएआई के अधिकारियों ने सड़क का जायजा लिया। नदी का जलस्तर बढ़ने से गोला बैराज को खतरा पैदा हो गया है। बारिश के कारण नाला भी उफान पर आ गया जिससे नाले के किनारे बना एक मकान बह गया। उधर, नैनीताल में भारी बारिश से कई जगह पानी भर गया है।

 

 

 

 

 

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