वरिष्ठ नागरिकों का हो सम्मान , वरिष्ठ नागरिक अधिकारों पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
रुद्रप्रयाग। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रुद्रप्रयाग द्वारा वरिष्ठ नागरिक अधिकारों पर आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों पर व्यापक चर्चा की गई। शिविर में उपस्थित प्राधिकरण के सचिव संजय सिंह, सिविल जज (सीनियर डिवीजन) ने इन अधिकारों को प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक तक पहुंचाने और उन्हें उपलब्ध कराने में सहायता के प्रयास बढ़ाने पर बल दिया।
जिला पंचायत सभागार में सम्पन्न इस विधिक साक्षरता शिविर का संचालन करते हुए जिलाध्यक्ष एडवोकेट केपी ढौंढियाल ने कहा कि जीवन के अस्ताचल की ओर बढ़ रहे वृद्ध जनों की समस्याएं सामाजिक मूल्यों में हो रहे बदलाव के चलते लगातार जटिल होती जा रहीं हैं। पूरी दुनिया में इस पर चर्चा हो रही है और चिंताएं भी व्यक्त की जा रही हैं। उन्हें जीवन की बेहतर सुविधाएं देने के प्रयास भी लगातार जारी हैं। अनेक कानून बनाकर वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानजनक जीवन यापन के प्राविधान किये गए हैं लेकिन उनका क्रियान्वयन सही ढंग से न होने के कारण अनेक वृद्ध परेशानी झेलने को विवश हैं। उन्होंने माँग की कि इन कानूनों के क्रियान्वयन की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। इस संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की भूमिका को स्पष्ट करते हुए सचिव सिविल जज संजय सिंह ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों को मानव गरिमा के साथ जीने का अधिकार है, जिसे सुनिश्चित करने के लिए सरकारों द्वारा अनेक कानून बनाये गए हैं लेकिन इनकी जानकारी न होने तथा उनको प्राप्त करने की प्रक्रिया की जानकारी के अभाव अधिकतर वृद्धजन उनका लाभ नहीं उठा पाते।
उन्होंने बताया कि बच्चों को, चाहे वह लड़का हो या लड़की, अपने वृद्ध माता-पिता की सेवा कानून के द्वारा अनिवार्य बनाया गया है। बच्चों के न होने पर पौत्र अथवा पौत्री को यह जिम्मेदारी निभानी होगी और उनके भी न होने पर वरिष्ठ नागरिकों के कानूनी उत्तराधिकारियों को यह दायित्व निभाना पड़ेगा। उन्होंने इस संबंध में बने कानूनों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यदि कोई कानूनी उत्तराधिकारी इस जिम्मेदारी को नहीं निभाता तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। कल्याणकारी राज्य-व्यवस्था में सरकार की भी यह जिम्मेदारी है कि वह उत्तराधिकारीविहीन वरिष्ठ नागरिकों के लिए वृद्धाश्रम बनवाये। श्री सिंह ने जानकार लोगों का आह्वान किया कि वे वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार और उन्हें प्राप्त करने की प्रक्रिया अन्य जरूरतमंदों को भी बताएं तथा उन्हें प्राप्त करने में भी उनकी मदद करें। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त कानूनी सहायता पाने, स्वास्थ्य व अन्य सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर प्राप्त करने का अधिकार है। किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान के लिए वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सहायता भी ले सकते हैं।इस अवसर पर सभी सार्वजनिक संस्थानों में वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता मिलने संबंधी बोर्ड लगाने, उनकी समस्याओं को शीघ्रता से निपटाने, स्वास्थ्य की उन्नत सेवाएं प्रदान करने और रोडवेज सहित सभी बसों में उनके लिए आगे की 3 सीटें आरक्षित कर, इस संबंधी सूचना अंकित करने के प्रस्ताव पारित किए गए। विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सभा-स्थल पर वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य-परीक्षण एवं दवा वितरण की व्यवस्था भी की गई थी।