उत्तराखंड

 आज भीषण ठंड से मिली कुछ राहत..

 आज भीषण ठंड से मिली कुछ राहत..

 

उत्तराखंड : अगले 24 घंटे के भीतर दिन का तापमान बढ़ने से देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी, रुड़की जैसे मैदानी शहरों के अलावा गांवों में ठंडक कम होने के आसार हैं।

मैदान से लेकर पहाड़ पर पिछले  दो दिनों से पड़ रही भीषण ठंड अगले 24 घंटों में कुछ कम हो सकती है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो अगले 24 घंटे के भीतर दिन का तापमान बढ़ने से देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी, रुड़की जैसे मैदानी शहरों के अलावा गांवों में ठंडक कम होने के आसार हैं। वहीं सोमवार को देहरादून सहित लगभग सभी इलाकों में तेज धूप खिली रही। जिससे सर्दी से कुछ राहत मिली है।

कुछ स्थानों पर पाला पड़ने की भी संभावना

हालांकि ऊधमसिंहनगर जिले में शीतलहर की स्थिति बने रहने की संभावना है। हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जैसे जिलों में अगले चौबीस घंटे में घना कोहरा छाया रहेगा। साथ ही राज्य के पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर पाला पड़ने की भी संभावना है। इससे फसलों के नुकसान हो सकता है।

 

पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते भी तापमान गिरा..

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एवं वरिष्ठ मौसम विज्ञानी विक्रम सिंह के मुताबिक उत्तर पश्चिमी क्षेत्र से आ रही ठंडी हवाओं के चलते पहाड़ से मैदान तक मौसम का मिजाज बदला हुआ है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते भी तापमान गिरा है।

राज्य के मैदानी और पर्वतीय क्षेत्रों में कोहरा होने की वजह से सूरज की गर्मी जमीन पर बहुत कम पहुंच पा रही है, जिसकी वजह से अधिकतम और न्यूनतम तापमान काफी नीचे चला गया था। पिछले दो दिन से अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री नीचे गिरकर 17 डिग्री पर पहुंच गया। वहीं न्यूनतम तापमान भी दस डिग्री से नीचे गिरकर तीन डिग्री तक पहुंच गया था। लेकिन, आने वाले दिनों में तापमान में बढ़ोतरी के साथ ही ठंडक का असर थोड़ा कम होगा।

 

कड़ाके की ठंड में रात गुजार रहे पीआरडी जवान, अलाव नाकाफी.

 

पिछले 21 दिनों से धरने पर बैठे पीआरडी जवान कड़ाके की ठंड के बावजूद अपनी मांगों को लेकर धरने पर डटे हैं। कई दिक्कतों के बावजूद महिला पीआरडी जवान भी यहां दिन-रात धरने पर डटी हैं। कड़ाके की ठंड से बचने के लिए पीआरडी जवान दिन में लकड़ियों इक्ट्ठा कर रात को अलाव की व्यवस्था कर रहे हैं,

लेकिन यह अलाव रातभर के लिए नाकाफी है। घर-परिवार और अपने छोटे -छोटे बच्चों को छोड़कर धरने पर बैठी पीआरडी जवानों का कहना है कि सरकार का रवैये देखकर घर जल्दी जाने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है।

गांधी पार्क धरना स्थल पर ही महिला पीआरडी जवान रात गुजार रही हैं। चमोली, टिहरी, उत्तरकाशी सहित अलग-अलग जिलों से पहुंचे पीआरडी जवान गांधी पार्क में धरना दे रहे हैं। भारी असुविधाएं होने के बावजूद सभी जवान धरने पर डटे हैं। चमोली से पहुंची पीआरडी जवान सरित राय (36) ने बताया कि चार बच्चों को घर में छोड़कर पिछले 21 दिनों से यहां धरने पर बैठी हूं। और जब तक जीओ जारी नहीं होता तब तक वापस नहीं जाऊंगी।

सरिता ने कहा कि जब घोषणा की जा चुकी है तो फिर जीओ जारी करने में परेशानी क्यों? नौगांव की सावित्री (30)ने बताया कि अपने दो बच्चों की जिम्मेदारी अकेले उन्हीं पर है, जिन्हें वह गांव में ही छोड़कर आई है। अभी घर जाने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। पुरोला की सीमा(28) और उत्तरकाशी की धर्मा ने कहा कि महिलाएं यहां किस स्थिति में रात गुजार रही हैं, ये देखने के बाद भी सरकार सुध नहीं ले रही है। इस मौके पर दिनेश प्रसाद, गोपाल सिंह, तोमर हरीश,  किशन रावत,  दिलावर सिंह, दिलीप चौहान, मुकेश चौहान, रोशन चौहान , विजेंद्र चौहान,  विनय कुमार, सूरज रावत, सोनी रावत,  कलम सिंह, आलम सिंह आदि मौजूद रहे।

 

 

 

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