उत्तराखंड

प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय स्थापना के कड़े होंगे मानक..

प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय स्थापना के कड़े होंगे मानक..

सरकार कर रही नीति 2015 में बदलाव..

 

 

 

 

 

 

राज्य सरकार निजी विश्वविद्यालय स्थापना नीति 2015 में बदलाव करने जा रही है। विश्वविद्यालय के लिए मानकों को और अधिक सख्त बनाया जा रहा है। वित्त और न्याय विभागों को इसका प्रस्ताव मिल गया है।

 

 

 

 

 

 

उत्तराखंड: राज्य सरकार निजी विश्वविद्यालय स्थापना नीति 2015 में बदलाव करने जा रही है। विश्वविद्यालय के लिए मानकों को और अधिक सख्त बनाया जा रहा है। वित्त और न्याय विभागों को इसका प्रस्ताव मिल गया है। उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगौली का कहना है कि उच्च शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए मानकों को कड़ा किया जा रहा है।

कैबिनेट में निजी विश्वविद्यालय स्थापना नीति में संशोधन का प्रस्ताव लाया जाएगा। राज्य में वर्तमान में 21 निजी विश्वविद्यालय हैं, इसके साथ ही कई अन्य पाइप लाइन में हैं। पर्याप्त भूमि और भवन की उपलब्धता न होने के बावजूद निजी विश्वविद्यालय की मान्यता से सरकार पर सवाल खड़े होते रहे हैं। यही वजह है कि निजी विश्वविद्यालयों के मानकों को कड़ा किया जा रहा है।

विभागीय अधिकारियों का कहना हैं कि राज्य में निजी विश्वविद्यालय के लिए अब तक ढाई एकड़ जमीन का मानक था, लेकिन अब इसे सात से 10 एकड़ किया जा सकता है। विश्वविद्यालय मान्यता के लिए राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद से मान्यता को भी अनिवार्य किया जाएगा, जिसे नैक की मान्यता होगी उसे ही विश्वविद्यालय की मान्यता दी जाएगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय के लिए छोटे-छोटे शिक्षण संस्थाओं के कई प्रस्ताव आए हैं। इसे देखते हुए मानकों को कड़ा किया जा रहा है।

तीन विश्वविद्यालयों के प्रस्ताव राजभवन में हैं विचाराधीन..

प्रदेश में तीन निजी विश्वविद्यालयों आम्रपाली हल्द्वानी, डीआईएमएस शंकरपुर और हरिद्वार विश्वविद्यालय रुड़की का प्रस्ताव राजभवन में विचाराधीन हैं।

 

 

 

 

 

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