कोरोना के बीच चारधाम कपाट खुलने को लेकर गाइडलाइन जारी..
उत्तराखंड: 14 मई को अक्षय तृतीया के मौके पर यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का श्रीगणेश हो जाएगा। इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा स्थगित कर दी गई है। वहीं, चारों धाम के कपाट अपने तय समय पर खुलेंगे। कपाट खुलने को लेकर आज मंगलवार को चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने एसओपी जारी कर दी है। जिसके तहत चारों धामों के कपाट रोजाना सुबह सात से शाम सात बजे तक ही खोले जाएंगे।
आपको बता दें कि यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर 14 मई को दिन में 12.15 बजे और गंगोत्री धाम के कपाट इस बार 15 प्रात: 7.31 बजे खुलेंगे। जबकि केदारनाथ के कपाट 17 मई को सुबह 5 बजे और बद्रीनाथ धाम के कपाट 18 मई प्रात: 4.15 बजे खुलेंगे।
सांकेतिक रूप में खुलेंगे चारों धामों के कपाट..
चारधामों के कपाट निर्धारित तिथियों पर सांकेतिक रूप से खुलेंगे। गढ़वाल आयुक्त और उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन का कहना हैं कि धामों में पूजा परंपरा से जुड़े तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारियों को कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखाने के बाद ही जाने की अनुमति दी जाएगी। धामों में कोविड-19 प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। धामों के कपाट पूर्व निर्धारित तिथियों पर सांकेतिक रूप से खुलेंगे और परंपरागत रूप से पूजा अर्चना होगी। लेकिन किसी भी श्रद्धालु को चारधाम यात्रा पर आने की अनुमति नहीं होगी।
चारधाम यात्रा स्थगित करना स्वागत योग्य..
बद्रीनाथ डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष विनोद डिमरी श्रीराम ने चारधाम यात्रा स्थगित करना प्रदेश सरकार के निर्णय को स्वागत योग्य बताया। उन्होंने लोगों से कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए घर पर रहकर ही भगवान बद्री विशाल का ध्यान करने को कहा हैं। कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य होने के बाद भक्तों को भगवान बद्री विशाल के दर्शन करने का अवसर अवश्य मिलेगा।