स्कूलों में स्कूटी चलाने वाले नाबालिग छात्र रहे सावधान, बड़े एक्शन की तैयारी में उत्तराखंड पुलिस..
नाबालिग बच्चों को गाड़ी चलाने के लिए एक पिता ने पुलिस से एक सवाल किया और साथ ही उन्होंने एक अपील की है।बता दे कि देहरादून निवासी एक रिटायर्ड फौजी ने पुलिस को पत्र लिखा
उत्तराखंड: नाबालिग बच्चों को गाड़ी चलाने के लिए एक पिता ने पुलिस से एक सवाल किया और साथ ही उन्होंने एक अपील की है।बता दे कि देहरादून निवासी एक रिटायर्ड फौजी ने पुलिस को पत्र लिखा,उन्होंने पत्र में लिखा “नमस्कार उत्तराखंड पुलिस मित्र। मुझे आपसे एक सवाल भी है और शिकायत भी। मेरा बेटा अभी क्लास 11 में पढ़ता है और उसकी उम्र अभी 18 नहीं है। उसके कई साथी स्कूल में स्कूटी या बाइक से जाते हैं जिस वजह से वह भी मुझसे बार-बार मेरी स्कूटी स्कूल ले जाने की जिद करता है जिसकी वजह से हमारी घर में कहा-सुनी हो जाती है और यह महीने में 2 से 3 बार हो जाती है जिससे घर का माहौल अशांत रहता है।
उसका कहना है यदि उसके दोस्तों के माता-पिता उनको लाने देते हैं तो मैं उसे स्कूटी क्यों नहीं। काफी समझने के बाद भी वह नहीं मानता। उसका कहना/समझना है कि पुलिस कभी स्कूल के बच्चों को नहीं पकड़ती। मैं एक रिटायर्ड फौजी हूं। शायद मैं भी एक दिन अपने बच्चे को बिना लाइसेंस के स्कूटी दे दूं ताकि घर में शांति बनी रहे। यह बात भी सही है कि आजतक मैंने भी कभी अखबार या मीडिया में स्कूल के बच्चों की चेकिंग नहीं देखी।
इसलिए आपसे निवेदन है कि आप स्कूल के बच्चों और स्कूल को भी चेतवानी देने के लिए एक अभियान चलाएं। आप बच्चों को चेक नहीं करते इसलिए उनके हौसले बुलंद हो रहे हैं।” डीजीपी अशोक कुमार ने भी इस पिता की अपील को सुना और तुरंत लागू करने के निर्देश दिए हैं कि सभी स्कूलों के बाहर चेकिंग और जागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि बच्चों के हौसले बुलंद न हों और उन्होंने निर्देश दिए हैं कि स्कूल प्रबंधन भी इस बात का खास खयाल रखे कि स्कूल का कोई भी विद्यार्थी बिना लाइसेंस के वाहन न चलाए।