उत्तराखंड

इस वजह से अद्भुत रही केदारनाथ की यात्रा

चार लाख 71 हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों ने किये बाबा केदार के दर्शन
यात्रियों की सुरक्षा के लिये किये गये विशेष इंतजाम

रोहित डिमरी
केदारनाथ। भगवान केदारनाथ की यात्रा इस वर्ष कई मायनों में अद्भुत रही। कपाट खुलने के मौके जहां प्रधानमंत्रीन्द्र मोदी केदारधाम पहुंचे, वहीं कपाट बंद होने से एक दिन पूर्व पुनः केदारपुरी पहुंचकर पीएम मोदी ने इर्ष की यात्रा को अविस्मरणीय बना दिया। यह इतिहास में पहली बार हुआ है, जब कोई प्रधानमंत्री केदारनाथ धाम में यात्रा सीजन में दो बार पहुंचा हो। इसके साथ ही देश की कई जानी-मानी हस्तियों ने बाबा केदार के दर्शन किये, जिससे देश-विदेश में केदार यात्रा का अच्छा संदेश गया है।

आपदा के बाद यह चौथे वर्ष की यात्रा थी, जिसने कड़वी यादों को पीछे छोड़ दिया है। अब तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय जनता को अगले यात्रा सीजन का इंतजार है। इस यात्रा सीजन में चार लाख 71 हजार 235 श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन के किये, जिससे बद्री-केदार मंदिर समिति की आय करोड़ों में होने के साथ ही स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिला है। इसके अलावा यात्रा सीजन में हवाई कंपनियों की भी मौज रही।

सैकड़ों श्रद्धालुओं के आस्था के प्रतीक बाबा केदार छः माह केदार धाम में विराजने के बाद शीतकाल के छः माह के लिये पंचकेदार शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के लिये रवाना हो गये हैं। यात्रा काल के छः महीने खुशहाली भरे बीते हैं। आपदा के बाद यह पहला मौका रहा, जब साढ़े चार लाख से भी अधिक श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंचे हैं। यात्रियों के धाम पहुंचने से बद्री-केदार मंदिर समिति को भी करोड़ों का मुनाफा हुआ है, जबकि स्थानीय लोगों को रोजगार भी बेहतर चला है। मई, जून का महीना केदारनाथ यात्रा के लिये अहम रहा।

इन दो माह में दो लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने बाबा के दर्शन कर दिये थे, हालांकि बरसात के समय यात्रा कुछ कम हुई। मगर सितम्बर माह में बाबा केदार की यात्रा ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ी। वहीं इस वर्ष की यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक रही है। इस बार कपाट खुलने के मौके पर पहुंचे देश के प्रधानमंत्री ने देश-विदेश में यह संदेश दिया कि अब केदारनाथ यात्रा सुरक्षित है, जिसके बाद लाखों की संख्या में श्रद्धालु केदारपुरी पहुंचे।

सुरक्षा के लिहाज से भी इस वर्ष केदारनाथ में यात्रियों की सुरक्षा के लिये बेहतर सुरक्षा के इंतजाम किये गये थे। खासकर सोनप्रयाग मुख्य पड़ाव पर यात्रियों को प्रशासन की ओर से हर सुविधा मुहैया करवाई गई, जबकि गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ तक पुलिस एवं एसडीआरएफ के जवान मौजूद रहे। इतना ही नहीं केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा के लिये हथियारों से लेस जवान भी तैनात रहे। साथ ही यात्रियों की दिक्कतों को दूर करने के लिये केदारनाथ, रूद्रा प्वाइंट सहित अन्य स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये, जिनका सीधा प्रसारण जिला मुख्यालय में होता रहा। जिससे समय पर यात्रियों को होने वाली दिक्कतों को दूर किया गया।

 

इस वर्ष यात्रा पर आई महान हस्तियां

केदारनाथ धाम में इस बार देश की महान हस्तियां पहुंची। यात्रा के आखिरी दो माह में तो वीवीआईपी और वीआईपी का आना-जाना लगा रहा। जिससे शासन और प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ी। केदार यात्रा में कपाट खुलने के मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहुंचे तो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी बाबा के दर्शन कर देश-विदेश में सुरक्षित यात्रा का संदेश दिया। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगोड़ा, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, राज्यपाल केके पाॅल, राज्यपाल पंजाब वीपी बदनोरे, केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी, सुश्री उमा भारती’, उद्योगपति मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, अभिनेता सुशांत राजपूत, अभिनेत्री सारा अली खान, एकता कपूर सहित सीबीआई, आईबी, सीआईएसएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी के निदेशक भी केदार बाबा के दर पर पहुंचे।

शीतकाल में भी केदारनाथ में होंगे कार्य

केदारनाथ। भगवान केदारनाथ के कपाट बंद होने के बाद इस वर्ष भी शीतकाल के दौरान केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य होते रहेंगे। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी के साथ ही अन्य संस्थाएं भी केदारनाथ धाम में कार्य करती रहेंगी। केदारनाथ धाम में मंदिर की सुरक्षा के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा दीवार का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा तीर्थ पुरोहितों के भवनों का कार्य भी जारी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीस अक्टूबर को पांच योजनाओं का शिलान्यास किया, जिनका कार्य शीतकाल में किया जायेगा। शीतकाल में भी केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य चलने के बाद आगामी यात्रा सीजन में केदारनाथ आने वाले तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

कपाट बंद के अवसर पर अवतरित हुए भकुंड भैरव

केदारनाथ। केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के दौरान समाधि पूजा के पश्चात प्रातः सात बजकर पन्द्रह मिनट पर मुख्य मंदिर गर्भ गृह का दरवाजा बंद करने में मंदिर समिति एवं प्रशासन के पसीने छूट गये। इस वर्ष मंदिर के दरवाजे पर चांदी की परत एक दानीदाता ने लगवाई है। ऐसे में दरवाजा नहीं लग पाया। इस मशक्कत में करीब 25 मिनट बीत गये, लेकिन दरवजा बंद नहीं हो पाया।

इसके बाद दरवाजे को ऊपर-नीचे करने के लिए सबल तक मंगाया गया। उसी समय वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती ने सुझाव दिया कि श्री केदारनाथ के क्षेत्रपाल का आह्वान किया जाय, जिसके बाद भकुंड भैरवनाथ अपने पश्वा अरविंद शुक्ला पर अवतरित हुये। भैरव नाथ के पश्वा के मुख्यद्वार छूते ही दरवाजा आसानी से बंद हुआ तो सबकी जान में जान आयी। मौके पर मौजूद जिलाधिकारी मंगेश धिल्डियाल ने भैरवनाथ के पांव छुये। मुख्यद्वार पर मौजूद श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्यकार्याधिकारी बीडी सिंह ने कहा कि जिस प्रकार भगवान बदरीविशाल के क्षेत्रपाल श्री घंटाकर्ण हैं, उसी तरह श्री केदारनाथ में भकुंड भैरव विद्यमान है।

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