उत्तराखंड

अशोभनीय टिप्प्णी करने पर पत्रकार ने की पुलिस में शिकायत..

अशोभनीय टिप्प्णी करने पर पत्रकार ने की पुलिस में शिकायत..

फेसबुक यूजर्स ने पत्रकार की न्यूज पर किये भद्दे-भद्दे कमेंट..

पत्रकार कुलदीप राणा ने की ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग..

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। समाज के लिए सजग रहने वाले जिले के पत्रकार कुलदीप राणा आजाद की गौचर के नजदीक सारी झालीमठ में हुए भूस्खलन की खबर पर एक फेसबुक यूजर्स के अशोभनीय टिप्पणी करने के बाद पत्रकार ने कोतवाली रुद्रप्रयाग में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायतकर्ता पत्रकार कुलदीप राणा ने बताया कि गत 2 मार्च को उन्होंने झालीमठ तोक से भूस्खलन प्रभावितों की रिपोर्ट अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित की, जिस पर फेसबुक यूजर्स शिव सिंह ने अभद्र टिप्पणी करते हुए उन पर चोरी का आरोप लगाया है।

 

फेसबुक यूजर्स ने टिप्पणी करते हुए लिखा है कि इससे बड़ा चोर कोई नहीं है। कभी किसी के गुण गाए, कभी किसी के गुण गाए। इसके बाद दूसरी टिप्पणी में इसी यूजर ने आगे लिखा है कि चोर तू क्या पत्रकारिता करेगा, पहले अपने बाप का नाम बता कौन सा बहादुर था। इसी खबर पर एक दूसरे फेसबुक यूजर अनिल रावत ने लिखा है कि चोर है ये। पुलिस को दी गई तहरीर में पत्रकार कुलदीप ने कहा कि उपरोक्त फेसबुक यूजरों द्वारा किए गए कमेंट से उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। साथ ही उनके मौलिक अधिकारों का हनन भी किया गया है। यह टिप्पणी उनकी निष्पक्ष पत्रकारिता को दबाने और बदनाम करने की साजिश है, जिसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए। पत्रकार कुलदीप राणा आजाद जिले में लंबे समय से निष्पक्ष पत्रकारिता का कार्य कर रहे हैं। उन्हें सजग पत्रकार के रूप में जाना जाता है।

 

जन समस्याओं के साथ उन्होंने हमेशा जनपक्ष को सामने रखा है। यही कारण है कि वे शोषकों और दंबगों के निशाने पर भी आते रहे हैं। सारी गांव के झालीमठ तोक की खबर पहाड़ के संकटग्रस्त जनजीवन को इंगित करने वाली खबर थी, जिससे वहां के आपदा पीड़ितों की आवाज शासन-प्रशासन तक पहुंचाई जाए। ऐसे में अभद्र टिप्पणी कर यूजर शिव सिंह और अनिल रावत ने न केवल कुलदीप राणा, बल्कि समाज के लिए लड़ रहे तमाम पत्रकारों की भावना को भी ठेस पहुंचाई है।

 

पत्रकारिता का कार्य हर शोषित और पीड़ितों की आवाज है। वो भी ऐसे दौर में जब लोग सामाजिक सरोकारों पर चुप्पी साधने लगे हैं। तब एक पत्रकार ही होता है, जो अपनी जानमाल की परवाह न करते हुए जनसरोकारों के लिए लड़ता है। अपनी आवाज और कलम बुलंद करता है। पत्रकारों के लिए अगर ऐसी टिप्पणियां की जायेंगी, तो कल कौन समाज में हो रहे अन्याय के खिलाफ लड़ेगा।

 

 

 

 

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