उत्तराखंड के इस गांव में घास लेने गई महिला को गुलदार ने मार डाला..
नैनीताल काठगोदाम के फतेहपुर वन क्षेत्र का हैं मामला..
पहाड़ो में जंगली जनवरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। आये दिन कही न कही से जानवरों के हमले की खबर समाने आ रही हैं। घटते जंगलों के चलते गुलदार इंसानी बस्तियों में दाखिल हो रहे हैं, वहां रह रहे लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।
उत्तराखंड: पहाड़ो में जंगली जनवरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। आये दिन कही न कही से जानवरों के हमले की खबर समाने आ रही हैं। घटते जंगलों के चलते गुलदार इंसानी बस्तियों में दाखिल हो रहे हैं, वहां रह रहे लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। गुलदार का खौफ इतना अधिक है कि लोग घरों से बाहर निकलने से भी डर रहे हैं। ताजा मामला काठगोदाम के फतेहपुर वन क्षेत्र से भी सामने आया है। जहां गुलदार के हमले में एक महिला की मौत हो गई। घटना को लेकर लोगों में डर के साथ गुस्सा भी है। स्थानीय लोगों ने कहा कि बाघ जैसे वन्यजीव आबादी में पहुंच रहे हैं, बता दे कि बीते बुधवार को भी फतेहपुर रेंजर अंतर्गत काठगोदाम से लगे भडयूनी गांव से भी सामने आयी। जहां 60 वर्षीय धनुली देवी को गुलदार ने निवाला बना लिया। धनुली देवी अपनी बहू के साथ जंगल में जानवरों के लिए चारा लेने गई हुई थी। इसी दौरान गुलदार ने वृद्धा पर हमला कर दिया।
आज काठगोदाम के फतेहपुर वन क्षेत्र से भी गुलदार के हमले में एक महिला की मौत हो गई। घटना को लेकर लोगों में डर के साथ गुस्सा भी है। स्थानीय लोगों का कहना हैं कि बाघ जैसे वन्यजीव आबादी में पहुंच रहे हैं, इतना समय गुजर चुका है लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इस दौरान आक्रोशित लोगों ने वन अधिकारियों से कहा कि जंगल से चारा, लकड़ी मिलती है, बाघ के डर से लोगों का वहां जाना बंद हो गया है। इससे मुश्किल हो रही है। जल्द समस्या का समाधान किया जाए। गुलदार के आतंक से डरे हुए लोग शाम होने से पहले ही घरों में दुबक जाते हैं। बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया है। उधर, गुलदार के हमले में बुजुर्ग महिला की मौत के बाद नैनीताल पुलिस की टीम ने क्षेत्र में बार-बार अपील कर लोगों को आगाह किया है कि वन क्षेत्र में रह रहे लोग जंगल की और ना जाने को कहा है।