उत्तराखंड

वन आरक्षियों का आंदोलन जारी: सरकार से लिखित आश्वासन की मांग

अल्मोड़ा: वन आरक्षियों का कार्य बहिष्कार बुधवार को सातवें दिन भी जारी रहा। प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय, अल्मोड़ा परिसर में वन बीट अधिकारी संघ के बैनर तले कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन किया और साफ कहा कि जब तक सरकार से लिखित आश्वासन नहीं मिलेगा, उनका धरना जारी रहेगा।

वन बीट अधिकारी संघ के महामंत्री खजान सिंह मेहता ने कहा कि सरकार वन दरोगा सीधी भर्ती कर कर्मचारियों के साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने बताया कि कई कर्मचारी 10 वर्षों की सेवा देने के बाद भी पदोन्नति से वंचित हैं।

प्रमुख मांगें:
1. वन दरोगा सीधी भर्ती पर रोक लगाई जाए।
2. वन सेवा नियमावली 2016 को लागू किया जाए।
3. वन बीट अधिकारियों के कंधे पर एक स्टार लगाने की व्यवस्था की जाए।
धरने में राजेंद्र सिंह बिष्ट, दीपा मिश्रा, पूनम पंत, किशोर चंद्र उपाध्याय, रोशन कुमार, हिमांशु मनराल, दीप चंद्र समेत कई कर्मचारी शामिल रहे।

बागेश्वर में भी जारी है प्रदर्शन:
बागेश्वर: वन बीट अधिकारी और वन आरक्षी संघ का अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन भी लगातार जारी है। बुधवार को कर्मचारियों ने वन विभाग कार्यालय परिसर में सरकार और विभाग के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि विभाग में वनाग्नि नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। धरने में श्याम सिंह चम्याल, चंदन कुमार, आनंद सिंह रावत, हयात सिंह, और कविता रावत समेत कई कर्मचारी शामिल रहे।

प्रशासन और सरकार पर बढ़ा दबाव:
वन विभाग में कर्मचारियों की हड़ताल से वनाग्नि नियंत्रण, वन सुरक्षा, और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में रुकावटें आ रही हैं। ऐसे में सरकार के सामने जल्द ही सकारात्मक समाधान निकालने की चुनौती है, ताकि वन संपदा और पर्यावरण की सुरक्षा बनी रहे।

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