यहां आकर प्रकृति के बीच मिट्टी के घर में बिताइए रात..
उत्तराखंड: टिहरी आने वाले सैलानी जल्द ही हसीन वादियों के बीच ईको टूरिज्म का लुत्फ भी उठा सकेंगे। प्रकृति प्रेमियों के लिए वन विभाग का रौंसलीखाल-कौड़िया-खुरेत ईको टूरिज्म सर्किट बनकर तैयार हो गया है।इसमें सैलानियों को खेत-खलिहान, मिट्टी के घर, स्वच्छ वातावरण, वन्य जीव और हरियाली का नजारा देखने को मिलेगा। विभाग का दावा है कि टूरिज्म सर्किट से प्रकृति आधारित पर्यटन के साथ ही स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए दरवाजे भी खुलेंगे।
गढ़वाल की वादियां नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर हैं। इसके बावजूद 71 फीसद वन भूभाग वाले राज्य में पर्यटन गतिविधियां कुछेक क्षेत्रों तक ही सिमटी हुई हैं। पर्यटन को बढ़ाने के लिए अब प्रकृति से छेड़छाड़ किए बगैर ईको टूरिज्म की कवायद तेज होने लगी है। वन विभाग ने रौंसलीखाल-कौड़िया-खुरेत ईको टूरिज्म सर्किट का निर्माण कार्य पूरा कर दिया है।
इस टूरिज्म सर्किट में सैलानियों को अलग-अलग गतिविधियों का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा। रौंसलीखाल में आठ मिट्टी के घर बनाए गए हैं। यहां युवाओं को प्रकृति से जोड़ने के लिए नेचर एजुकेशन भी दी जाएगी। साथ ही स्थानीय उत्पादों को प्रमोट करने के लिए एक स्टाल भी लगाया जाएगा।
स्टाल में ग्रामीण अपने उत्पादों को रख सकेंगे। इसके अलावा पर्यटक कौड़िया में वर्ड वाचिंग और साइक्लिंग कर सकेंगे और खुरेत में विलेज टूरिज्म की गतिविधियां होंगी। इस टूरिज्म सर्किट की सैर के दौरान सैलानी कई पक्षियों, वन्य जीव और पेड़-पौधों को भी निहार सकेंगे। ईको टूरिज्म सर्किट का जल्द ही उद्घाटन किया जाएगा। इसके जरिये पर्यटकों को प्रकृति से जोड़ने व संरक्षण का संदेश भी दिया जाएगा। सर्किट के जरिये स्थानीय युवाओं को घर बैठे रोजगार भी मिल सकेगा।