उत्तराखंड और हिमालयी राज्यों के भूकंप एप में लगेंगे भूकंप सेंसर..
ऑटोमेटेड अपडेट होगा भूकंप एप का नया वर्जन..
प्रदेश में भूकंप की पूर्व चेतावनी प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए यहां तैनात सेंसर की संख्या बढ़ाई जाएगी। भूकंप विशेषज्ञों का कहना हैं कि इतने भर से काम नहीं चलेगा। भूकंपीय रूप से सभी संवेदनशील हिमालयी राज्यों में सेंसर तैनात किए जाने चाहिए।
उत्तराखंड: प्रदेश में भूकंप की पूर्व चेतावनी प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए यहां तैनात सेंसर की संख्या बढ़ाई जाएगी। भूकंप विशेषज्ञों का कहना हैं कि इतने भर से काम नहीं चलेगा। भूकंपीय रूप से सभी संवेदनशील हिमालयी राज्यों में सेंसर तैनात किए जाने चाहिए। बता दे कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के स्तर से इस क्षेत्र में प्रयास करना शुरू कर दिया है।
वरिष्ठ आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ, विश्व बैंक परियोजना गिरीश जोशी का कहना हैं कि नेपाल और उत्तराखंड में पिछले भूकंपों का प्रभाव दिल्ली तक था। ऐसे में अगर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल या उत्तर पूर्व के किसी भी राज्य में भूकंप आता है तो उसका असर उत्तराखंड तक महसूस किया जाएगा। परिणामस्वरूप सभी हिमालयी राज्यों में सेंसर-आधारित भूकंपीय प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित होनी चाहिए।
जोशी का कहना हैं कि हर हिमालयी राज्य में लगे सेंसर के कनेक्ट होने के बाद यह तरीका बड़े पैमाने पर भूकंप की स्थिति में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जानकारी देगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण वह जगह है जहां प्रयास शुरू हो गए थे। यह संभव है कि निकट भविष्य में सभी हिमालयी राज्य इस दृष्टिकोण को अपनाएंगे।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़ा जाएगा भूकंप अलर्ट एप
भूकंप विशेषज्ञ गिरीश जोशी का कहना हैं कि उत्तराखंड में अब इस्तेमाल होने वाले भूकंप अलार्म ऐप को और अपडेट किया जाएगा। इसके लिए इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़ा जाएगा। केंद्र को इसका प्रस्ताव भी मिल गया है। ऐसा करने से अलर्ट प्राप्त करने में लगने वाले समय को और कम किया जा सकता है।
बीते दिनों पिथौरागढ़ भूकंप की तरंगों को देहरादून तक पहुंचने में 46 सेकंड का समय लगा था। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बाद इस समय को पांच से सात सेकंड तक और कम किया जा सकता है। सेंसर बढ़ाने के साथ ही उत्तराखंड में सॉफ्टवेयर को भी अपडेट किया जाएगा। जिसके बाद फिर एप को बार-बार अपडेट करने की जरुरत नहीं पड़ेगी। भूकंप एप का नया वर्जन ऑटोमेटेड अपडेट होगा।
सेल्फ ब्रॉडकास्ट की दिशा में कर रहे काम..
उत्तराखंड भूकंप अलर्ट ऐप को जल्द ही सेल्फ ब्रॉडकास्ट कार्यक्षमता में अपग्रेड किया जाएगा। भूकंप विशेषज्ञ गिरीश जोशी ने कहा कि कई देश इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस तरीके का इस्तेमाल करने से जब भी भूकंप आएगा, आपका फोन बीप करने लगेगा। जब तक आप इसे मैन्युअल रूप से बंद नहीं करते तब तक यह बीप करता रहेगा।
ऐसा होने पर फ़ोन के अन्य सभी प्रोग्राम अपने आप बंद हो जाते हैं।उनका कहना हैं कि इस तकनीक को अपनाने में पूरा एक साल लग जाएगा। उसके बाद अलर्ट से संबंधित कोई ऐप डाउनलोड करने की आवश्यकता नहीं होगी। उत्तराखंड में घूमने आने वाले लोगों को सबसे ज्यादा फायदा होगा।
![](http://uknewsnetwork.com/wp-content/uploads/2022/08/image-1.png)