छात्रों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देना, शिक्षकों की नैतिक जिम्मेदारी: मयूर..
डीएम ने ली शिक्षा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक..
छात्र-छात्राओं को योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने के दिए निर्देश..
रुद्रप्रयाग। जनपद के छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य एवं उन्हें गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराना सभी शिक्षकों की नैतिक जिम्मेदारी है, जिसमें सभी शिक्षकों को अपना शत प्रतिशत योगदान देना नितांत आवश्यक है। इस दिशा में सभी को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने की जरूरत है।
शिक्षा विभाग की ओर से संचालित समग्र शिक्षा, मध्याहन भोजन, जिला योजना को लेकर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने निर्देश दिए कि शिक्षा विभाग के अधीन जो भी निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, उन कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता से पूर्ण करना सुनिश्चित करें। ताकि योजनाओं का लाभ छात्र-छात्राओं को उपलब्ध हो सके।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी प्रकार की लापरवाही एवं शिथिलता बरते जाने पर संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। बैठक में जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि वे जनपद के सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को पत्र प्रेषित करते हुए ऐसे विद्यालय जो आपदा से क्षतिग्रस्त एवं जीर्ण-शीर्ण हो गए हैं तथा छात्र-छात्राओं की सुरक्षा की दृष्टि से जिनका ध्वस्तीकरण किया जाना नितांत आवश्यक है। ऐसे स्कूलों की सूची पांच दिन के भीतर उपलब्ध कराएं।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि यदि किसी प्रधानाचार्य की ओर से पांच दिनों में सूची उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो ऐसे विद्यालय में यदि कोई घटना घटित होती है तो संबंधित प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद के ऐसे विद्यालय जिनमें बालिकाओं के लिए शौचालय उपलब्ध नहीं है या मरम्मत कार्य किया जाना है, उनकी सूची तत्काल मुख्य शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराएं। डीएम ने स्कूलों एवं विद्यालयों में उपलब्ध कराए गए कंप्यूटरों का छात्र-छात्राओं द्वारा उपयोग किया जा रहा है या नहीं, इस संबंध में फोटोग्राफ्स सहित सूचना उपलब्ध कराने को कहा।
छात्र-छात्राओं को निर्धारित मेन्यू के अनुसार ही शुद्ध एवं पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाए। इसमें किसी भी प्रकार से कोई लापरवाही न बरती जाए। उन्होंने जिला योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि इस योजना के अंतर्गत जो भी निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, उन कार्यों को शीघ्रता से शीघ्र पूर्ण कराएं।यदि किसी योजना में धनराशि की आवश्यकता है तो उसका तत्काल प्रस्ताव उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
बैठक में मुख्य शिक्षा अधिकारी यशवंत सिंह चौधरी ने बताया कि जनपद में कुल स्कूलों की संख्या 765 है, जिसमें प्राथमिक विद्यालय 525, उच्च प्राथमिक 130, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय 27 इंटरमीडिएट काॅलेज 80, केंद्रीय विद्यालय एक, जवाहर नवोदय विद्यालय एक, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय की संख्या एक है।
जिनमें सभी स्कूलों एवं काॅलेजों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की कुल संख्या 51,204 है जिसमें छात्रों की संख्या 26,467 तथा छात्राओं की संख्या 24,737 है तथा 788 स्कूलों में मध्याहन भोजन की व्यवस्था है, जिसमें जनपद के 21,429 छात्र-छात्राओं को मध्याहन भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी नागेंद्र बत्र्वाल, प्राचार्य डायट विनोद प्रसाद सेमल्टी, जिला समन्वयक आत्म प्रकाश डिमरी सहित सभी खंड शिक्षा अधिकारी उपस्थित थे।