उत्तराखंड

भक्तों को भावुक कर गया पांडवों के ससुराल विदाई का पल..

भक्तों को भावुक कर गया पांडवों के ससुराल विदाई का पल..

देव निशानों के साथ पांडव पश्वा ससुराल स्वीली-सेम के लिए हुए रवाना..

बड़ी संख्या में ग्रामीण देव निशानों को छोड़ने लिए गांव तक गए..

भरदार पट्टी की ग्राम पंचायत दरमोला में पांडव नृत्य संपंन..

 

 

 

रुद्रप्रयाग। भरदार क्षेत्र के दरमोला गांव में चल रहे पांडव नृत्य का फल वितरण के साथ समापन हो गया। पांडवों ने अस्त्र-शस्त्रों के साथ नृत्य करने के बाद भगवान नारायण द्वारा फेंके गए फलों को भक्तों ने प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। इस अवसर पर देव निशानों व पांडवों की ससुराल स्वीली-सेम जाने का विदाई का पल सभी भक्तों को भावुक कर गया। ग्रामीण बड़ी संख्या में देव निशानों को गांव तक छोड़ने भी गए। अंतिम दिन दूर-दराज क्षेत्रों से सैकडों की संख्या में पहुुंचे भक्तों ने पांडवों का आशीर्वाद लिया।

बता दें कि 14 नवम्बर से ग्राम पंचायत दरमोला में शुरू हुए पांडव नृत्य का विधिवत समापन हो गया है। शुकवार को भगवान बद्री विशाल एवं शंकरनाथ की विशेष पूजा अर्चना के बाद भोग लगाया गया। पुजारी ने पांडवों के अस्त्र-शस्त्रों की भी विशेष पूजा अर्चना की गई। पहले तो ढोल दमांऊ की थाप पर पांडवों के साथ ही स्थानीय लोगों ने भी खूब नृत्य किया। बाद में बाण आने पर पांडवों ने ही अस्त्र-शस्त्रों के साथ नृत्य किया। पांडवों का नृत्य ने लोगों को खूब आनंदित भी किया। भगवान नारायण के पश्र्व समेत सभी पांडवों ने अंत में भक्तों के बीच फल फेंके, जिसे भक्तों ने उन्हें प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। मान्यता है कि जो भक्त इस फल को पकड़ा है, उसे मनवांछित फल की फल की प्राप्ति होती है। इससे पूर्व गत गुरूवार रात्रि को सिरोता के अवसर पर रातभर अस्त्र-शस्त्रो के साथ पांडव नृत्य चला।

 

जिसमें गेंडे का कौथिग आकर्षण का केन्द्र बना रहा। गेंड़ा मरने के बाद पांडवों ने जौ की फसल बौने के साथ ही उसे काटने का पूरा सजीव चित्रण किया गया। फसल कटने के बाद उसका एक हिस्सा बद्रीनाथ भगवान को चढ़ाया गया तथा अन्य हिस्से को भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरण किया गया। अंत में पांडवों एवं देवी-देवताओं के निशान अपने ससुराल स्वीली-सेम गांव के लिए विदाई का दृश्य सभी भक्तों को भावुक कर गया। इस दौरान भक्तों के जयकारों के साथ यहां का पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। पांडव नृत्य देखने के लिए दरमोला, डुंग्री, स्वीली, सेम, जवाड़ी, रौठिया, मेदनपुर से बड़ी संख्या भक्तजन उपस्थित थे।

 

इस दौरान मैती मंथन संगठन के संस्थापक सदस्य दिनेश पंवार ने सभी पांडव, देवताओं के पश्वों के साथ ही कीर्तन मंडलियों को शाल भेंटकर सम्मानित किया गया। जिसका पांडव कमेटी नेे संस्था का आभार जताया। इस अवसर पर पुजारी कीर्ति प्रसाद डिमरी, पांडव लीला कमेटी के अध्यक्ष जसपाल पंवार, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र कप्रवान, उक्रांद नेता मोहित डिमरी, विक्रम पंवार, गिरीश डिमरी, विजय सिंह, हुकम सिंह, प्रदीप कप्रवान, राकेश पंवार, पूर्व क्षेपंस गुडडी देवी, रमेश पंवार, नरेन्द्र पंवार, अनिल पंवार, दिनेश पंवार, जयपाल पंवार, पंकज पंवार समेत बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित थे।

 

 

 

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