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अब खाइए कोदा (मंडुवा) से बने मोमोज, स्प्रिंग रोल और केक..

अब खाइए कोदा (मंडुवा) से बने मोमोज, स्प्रिंग रोल और केक..

उत्तराखंड : गाँव में कोदा/मड़ुवे/ रागी की रोटी लगभग हर घर में बनती है और ज्यादा से ज्यादा पहाड़ी लोग इसे पसंद करते हैं। हमारे पहाड़ गाँव के बड़े बुजुर्ग आज भी कोदे की रोटी को बड़े ही चाव से खाते है और उसे ही अच्छा भी मानते हैं। पौष्टिक गुणों से भरपूर कोदा पहाड़ के लोगों की शान है। हमारे उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में मोटे अनाज के नाम से कहलाने वाले कोदे से सदियों पूर्व से ग्रामीण परिवारों का भरण-पोषण आसानी से किया है. और अब देखा जाये तो इससे कई तरह के व्यंजन भी बनाये जा रहे हैं

 

उत्तराखंड में हुनर की कोई कमी नहीं है। आजकल सभी फास्टफूड की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं, मैदे से बने ये चाइनीज फास्टफूड सेहत के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। अब डरने की बात नहीं है। अब इन सभी फास्टफूड को बनाने में मंडुवे का इस्तेमाल किया जा रहा है। मंडुवे के इस्तेमाल से कई फायदे होंगे। ये लोगों को पहाड़ी अनाज से दोबारा जोड़ेगा।

पहाड़ी उत्पादों की खपत बढ़ेगी। मंडुवे से लजीज व्यंजन बनेंगे तो लोग इन्हें सीखेंगे, इन्हें बेचेंगे, जिससे रोजगार मिलेगा, पलायन रुकेगा। स्वास्थ्य के लिए भी ये बेहद अच्छा है। इस तरफ ध्यान दिया जाए तो मंडुवा और दूसरे पहाड़ी अनाजों को रोजगार का बेहतर जरिया बनाया जा सकता है।। देहरादून, कोटद्वार, पौड़ी और अन्य स्थानों पर भी मंडुवे के इस्तेमाल से केक, मोमोज और स्प्रिंग रोल बनाए जा रहे हैं, जिन्हें लोग खूब पसंद कर रहे हैं। मंडुवे से बनी ये फ़ूड स्वाद और सेहत दोनों में फिट हैं।

अब इंस्टीट्यूट में छात्रों को मंडुवे के व्यंजन बनाना सिखाया जा रहा है। मंडुवे से चाइनीज डिशेज तैयार हो रही हैं। मंडुवे के इस्तेमाल से कई फायदे होंगे। ये लोगों को पहाड़ी अनाज से दोबारा जोड़ेगा। पहाड़ी उत्पादों की खपत बढ़ेगी। मंडुवे से लजीज व्यंजन बनेंगे तो लोग इन्हें सीखेंगे, इन्हें बेचेंगे, जिससे रोजगार मिलेगा, पलायन रुकेगा। स्वास्थ्य के लिए भी ये बेहद अच्छा है।

कई रोगों का रामबाण है उत्तराखंड का “कोदा”, जापान भी है इसका दीवाना..

जापान में तो इससे शिशुओं के लिये खास तौर पर पौष्टिक आहार तैयार किया जाता है कोदे का इस्तेमाल रोटी, सूप, जूस, उपमा, डोसा, केक, चॉकलेट, बिस्किटस, चिप्स, और आर्युवेदिक दवा के रूप में होता है। भारत विश्व के टॉप 10 देशों में से नम्बर 1 पर हैं, जो सबसे ज्यादा मंडुआ पैदावार करने वाला देश है। कोदे की रोटी खाने से शरीर में आसानी से कैल्शियम, प्रोटीन, ट्रिपटोफैन, आयरन, मिथियोनिन, रेशे, लेशिथिन इत्यादि महत्वपूर्ण स्वास्थ्यवर्धक तत्वों की पूर्ति हो जाती है।

कोदा खाने से पेट की गैस कब्ज की समस्या कम करने में सहायक और पाचन शक्ति सुचारू करने में सहायक है। कोदा जल्दी पाचने वाला निरोग अनाज है।रक्तचाप बढ़ने पर नियंत्रण का काम करता हैं। रक्त चाप नियत्रंण करने के लिए रोज मंडुआ की रोटी खायें। फिर 1 गिलास नींबू रस पानी पीयें। मंडुआ और नींबू रक्तचाव समस्या को ठीक करने सहायक है।

कोदा में आयरन रिच मात्रा में मौजूद हैं। कोदे की आटे की रोटी और पत्तेदार हरी सब्जी लगातार 15-20 दिन मात्र खाने से रक्त की कमी तुरन्त दूर हो जाती है। कोदा डायबिटीज पीड़िता के लिए उत्तम अनाज माना गया है। मंडुआ में रिच फाईबर युक्त और शुगर फ्री अनाज है।कोदा में 80 प्रतिशत कैल्श्यिम की मात्रा पाई जाती है। कोदा हड्डियों में ऑस्टियोपोरोसिस होने से बचाने में सहायक है!

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